iGrain India - कीव । मौसम की हालत प्रतिकूल रहने से चालू सीजन के दौरान यूक्रेन में कृषि फसलों को काफी नुकसान होने के संकेत मिल रहे हैं जिससे वहां इसके निर्यात योग्य स्टॉक में भारी कमी आ सकती है इसका शिपमेंट काफी घट सकता है।
जुलाई माह के दौरान यूक्रेन के विभिन्न भागों में भयंकर गर्मी देखी गई और बारिश का अभाव होने से कई इलाकों में फसलों को क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिल रही है।
किसानों को नियत समय से पूर्व ही सूरजमुखी फसल की कटाई करनी पड़ रही है जिससे इसकी उपज दर में 25-35 प्रतिशत तक की गिरावट आने की आशंका है।
ओडेसा तथा डनीप्रो क्षेत्रों में तो इसकी उत्पादकता गत वर्ष के 2.17 टन प्रति हेक्टेयर से लुढ़ककर इस बार महज 790 किलो प्रति हेक्टेयर रह गई है।
यूक्रेन की कमजोर हालत को देखते हुए अमरीकी कृषि विभाग ने सूरजमुखी की वैश्विक खपत तथा प्रोसेसिंग का अनुमान घटाकर क्रमश: 549 लाख टन तथा 508 लाख टन निर्धारित कर दिया है।
यूक्रेन के पड़ोसी देश -बुल्गारिया की हालत भी ऐसी ही है। यद्यपि वहां सूरजमुखी के बिजाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हुई थी मगर अत्यन्त शुष्क एवं गर्म मौसम के कारण फसल की प्रगति बुरी तरह प्रभावित हुई है।
दाने का आकार छोटा है और उसमें तेल का अंश भी कम देखा जा रहा है। वहां क्रशिंग-प्रोसेसिंग इकाइयों को सूरजमुखी का भाव ऊंचा और तेज होने का अंदेशा है। रूस में भी बारिश कम हुई और गर्मी ज्यादा रही।
एक अन्य निकटवर्ती देश- माल्डोवा में प्रतिकूल मौसम के गरम मक्का तथा सूरजमुखी की फसल को काफी नुकसान हो रहा है। यूक्रेन में कीमतों का बढ़ाना जारी है।
अक्टूबर, नवम्बर एवं दिसम्बर, शिपमेंट के लिए सूरजमुखी तेल का ऑफर मूल्य यूरोप के लिए बढ़कर 1085 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया है जबकि बिड भी 1070 डॉलर प्रति टन हो गया है।
रूस में सूरजमुखी तेल पर निर्यात शुल्क अगस्त में भी शून्य प्रतिशत पर ही बरकरार रहेगा। यूक्रेन से रिफाइंड सूरजमुखी तेल का ऑफर मूल्य 1000 डॉलर एफसीए बताया जा रहा है जबकि बोतल युक्त तेल का दाम बढ़कर 1.08-1.10 डॉलर प्रति लीटर पर पहुंच गया है। रूस को सूरजमुखी तेल का निर्यात बढ़ाने का अच्छा अवसर मिल सकता है।