iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय मौसम विज्ञानं विभाग (आईएमडी) ने अगले चार से पांच दिनों के अंदर देश के पश्चिमोतर राज्यों में दूर-दूर तक मानसून की अच्छी बारिश होने की संभावना व्यक्त की है।
इस क्षेत्र के अधिकांश भाग में मानसून की सक्रियता एवं गतिशीलता जल्दी ही बढ़ने का अनुमान है क्योंकि इसके लिए परिस्थितियां अनुकूल हो जाएगी।
मौसम विभाग के मुताबिक मानसून का ट्रफ एक्टिव है और अगले चार-पांच दिनों में धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए पश्चिमोत्तर प्रांतों में पहुंच जाएगा।
ज्ञात हो कि पश्चिमोत्तर भारत के कई क्षेत्रों के लिए आज भारी बारिश का औसत ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसमें पूर्वी राजस्थान भी शामिल है।
इसके अलावा चालू सप्ताह के दौरान हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा पश्चिमी राजस्थान और उत्तराखडं में भारी से लेकर अत्यन्त भारी बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है।
अगले पांच दिनों में चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिमी राजस्थान में मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है जिसकी भारी आवश्यकता महसूस की जा रही है।
देश के उत्तरी राज्यों में इस बार मानसूनी वर्षा का वितरण असमान रहा है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में किसान वर्षा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
राजस्थान, हरियाणा तथा पंजाब के कुछ जिलों में भी वर्षा सामान्य से काफी कम हुई है। हकीकत तो यह है कि देश के पश्चिमोत्तेर भाग में इस वर्ष अब तक दक्षिण पश्चिम मानसून का प्रदर्शन कमजोर रहा है और वहां 1 जून से अभी तक कुल बारिश सामान्य औसत से करीब 16 प्रतिशत कम हुई है।
मौसम विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि हरियाणा, छत्तीसगढ़, दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़ तथा हिमाचल प्रदेश में दीर्घकालीन औसत (एलपीए) से काफी कम वर्षा होने के कारण सरकार और किसानों की चिंता काफी बढ़ गई है। कुछ महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक राज्यों में खरीफ फसलों की बिजाई गत वर्ष से काफी पीछे चल रही है।
उधर गुजरात में मानसून सक्रिय होने से उसके आंतरिक भाग, सौराष्ट्र तथा कच्छ संभाग में भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
इसी तरह अगले 3-4 दिनों के अंदर कोंकण गोवा, मध्य प्रदेश, मध्यवर्ती महाराष्ट्र के घाट वाले क्षेत्र तथा छत्तीसगढ़ में भी भारी बारिश होने की संभावना वक्त की गई है।