iGrain India - कोलकाता । इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा 26 जुलाई को कोलकाता में बंगाल राइस कॉनक्लेव 2024 का सफ़लतापूर्वक आयोजन किया गया जिसमें तीन पैनल की परिचर्चा शामिल की गई।
इस परिचर्चा में जिन विषयों को शामिल किया गया उसमें उत्तम क्वालिटी के चावल के उत्पादन के लिए कृषि प्रबंधन की सर्वश्रेष्ठ विधियां, बीज, फसल सुरक्षा, सूक्ष्म सिंचाई, जलवायु के मुद्दे एवं तकनीक के निरन्तर उपयोग और फसल कटाई के बाद की व्यवस्था आदि सम्मिलित थे।
चावल मिलों में उन्नत एवं नवीनतम प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल, चावल भंडारण की आधुनिक तकनीक तथा बाजार के साथ सम्पर्क के तौर-तरीकों पर भी इस कार्यक्रम में विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही साथ निर्यात की संभावनाओं पर भी विचार प्रस्तुत किए गए।
इस महत्वपूर्ण एवं उपयोगी कार्यक्रम में मंत्री, अधिकारी, चावल मिलर्स, व्यापारी निर्यातक एवं मशीन- उपकरण निर्माता सहित अनेक अन्य विश्लेषक एवं विशेषज्ञ मौजूद थे।
एक विश्लेषक ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सदियों से चावल का मुख्य खाद्य आहार के तौर पर इस्तेमाल होता रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर चावल के कुल उत्पादन में बंगाल का योगदान 14 प्रतिशत के करीब रहता है और यह देश का अग्रणी उत्पादक राज्य है।
हाल के वर्षों में बंगाल को भी जलवायु परिवर्तन के जोखिम का सामना करना पड़ा है जिससे कभी बाढ़ तो कभी सूखे का संकट उपस्थित हो जाता है।
बंगाल में कुछ उच्च श्रेणी के धान-चावल का उत्पादन होता है जिसकी भारी मांग घरेलू एवं विदेशी बाजार में रहती है।
बंगाल से देश के कई राज्यों को चावल भेजा जाता है और विदेशों में इसका निर्यात भी होता है। राज्य में खरीफ एवं जायद सीजन के दौरान धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है।