iGrain India - मुम्बई । एक अग्रणी व्यापारिक संस्था- कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने अपनी जुलाई की मासिक रिपोर्ट में 2023-24 सीजन के दौरन 28.90 लाख गांठ के पिछला बकाया स्टॉक 317.70 लाख गांठ के उत्पादन तथा 16.40 लाख गांठ के आयात के साथ 30 जून 2024 तक रूई की कुल उपलब्धता 363 लाख गांठ पर पहुंचने का अनुमान लगाया है।
रिपोर्ट के अनुसार इसमें से बड़ी कपड़ा मिलों में 201 लाख गांठ तथा छोटी इकाइयों में 100 लाख गांठ रूई की खपत होगी जबकि इसका गैर मिल उपयोग 16 लाख गांठ का होगा।
इस तरह कुल 317 लाख गांठ रूई का घरेलू इस्तेमाल होगा और फिर 46 लाख गांठ का स्टॉक बचेगा। उसमें से 26 लाख गांठ का निर्यात होने की उम्मीद है जिससे मार्केटिंग सीजन के अंत में 20 लाख गांठ रूई का अधिशेष स्टॉक बच सकता है।
इसके मुकाबले 2022-23 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान 24 लाख गांठ के बकाया स्टॉक 318.90 लाख गांठ के उत्पादन एवं 12.50 लाख गांठ के आयात के साथ रूई की कुल उपलब्धता 355.40 लाख गांठ पर पहुंची थी। उसमें से बड़ी कॉटन मिलों में 280 लाख गांठ तथा छोटी इकाइयों में 15 लाख गांठ रूई की खपत हुई।
मिलों से बाहर अन्य उद्देश्य में 16 लाख गांठ रूई का उपयोग हुआ और 44.40 लाख गांठ का स्टॉक बच गया। इसमें से 15.50 लाख गांठ का विदेशों में निर्यात किया गया और सीजन के अंत में यानी 30 सितम्बर 2023 को 28.90 लाख गांठ रूई का अधिशेष स्टॉक बच गया।
2023-24 के मार्केटिंग सीजन में उत्तरी क्षेत्र में 46 लाख गांठ, मध्यवर्ती जोन में 193 लाख गांठ तथा दक्षिणी राज्यों में 73 लाख गांठ रूई का उत्पादन हुआ।
इसके अलावा उड़ीसा में 3 लाख गांठ तथा अन्य प्रांतों में 2 लाख गांठ सहित राष्ट्रीय स्तर पर कुल 317.70 लाख गांठ रूई का उत्पादन होने का अनुमान है।
पिछले सीजन की तुलना में चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान छोटी एवं मध्यम कॉटन मिलों में रूई की खपत में जोरदार वृद्धि होने के आसार हैं।