iGrain India - नई दिल्ली । भारत की दो शीर्ष मसाला कंपनियों के उत्पादों पर सिंगापुर एवं हांगकांग सहित कुछ अन्य देशों में प्रतिबंध लगाए जाने के बाद देश के अंदर सभी प्रमुख मसाला फर्मों के उत्पादों की गुणवत्ता जांच आरंभ हुई। इसमें से अनेक फर्मों के उत्पादों में कीटनाशी रसायन के अवशेष तथा अन्य बाह्य तत्वों की मौजूदगी पाई गई।
विभिन्न कंपनियों के मसाला उत्पादों की क्वालिटी सही नहीं पाई गई और इसकी बिक्री रोकने का आदेश दिया गया। कई अन्य फर्मों के उत्पादों के नमूने (सैम्पल) की जांच जारी है।
इसमें से कुछ मसाला उत्पादों को मानवीय खपत के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया है। उत्पादों के सैम्पल की जांच अभी प्रयोगशाला में जारी है।
नवीनतम घटनाक्रम के तहत फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने कानपुर की 16 मसाला कंपनियों का निरीक्षण किया और प्रयोगशाला जांच के लिए उससे 35 सैम्पल एकत्रित किया।
समझा जाता है कि इसमें से 23 सैम्पल क्वालिटी के पैरामीटर्स पर खरा नहीं उतरे। उल्लेखनीय है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) पहले ही समूचे देश में 111 मसाला फर्मों का लाइसेंस निरस्त कर चुका है क्योंकि उसके मसाला उत्पादों की क्वालिटी में खराबी पाई गई थी।
एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा कानूनी रूप से उठाए गए 35 सैम्पल में से 23 की क्वालिटी खराब पाई गई। इसमें कीटनाशी रसायनों का अंश मान्य स्तर से अधिक पाया गया जबकि कुछ सैम्पल में तो कीड़ें-मकौड़े भी पाए गए।
इसमें धनिया पाउडर, गरम मसाला पाउडर तथा मटर पनीर मसाला के सैम्पल भी शामिल हैं। समझा जाता है कि इन कंपनियों का लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा।
कुछ मसाला मिश्रण में लावेंडाजिम नामक यौगिक भी पाया गया है जिसे फंगसनाशी रसायन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। मसाला उद्योग में दहशत का माहौल है।