iGrain India - नई दिल्ली (भारती एग्री एप्प)। केन्द्र सरकार ने देश के अभाव ग्रस्त राज्यों को अपनी अधीनस्थ एजेंसी- भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से चावल की सीधी खरीद 1 अगस्त 2024 से शुरू करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
चावल की इस खरीद के लिए राज्यों को खाद्य निगम द्वारा खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत आयोजित की जाने वाली साप्ताहिक ई-नीलामी में भाग लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
लेकिन यह स्कीम ओएमएसएस ही कहलाएगी। इस स्कीम के अंतर्गत राज्यों को एफसीआई द्वारा 2800 रुपए प्रति क्विंटल की दर से चावल उपलब्ध करवाया जाएगा। ध्यान देने की बात है कि केन्द्र सरकार ने पिछले साल कर्नाटक सहित अन्य राज्यों को अपने स्टॉक से चावल की बिक्री बंद करने का निर्णय लिया था।
भारतीय खाद्य निगम के पास चावल का विशाल भंडार मौजूद है और उसके भंडारण तथा रख रखाव पर भारी धनराशि खर्च हो रही है।
अक्टूबर 2024 के खरीफ कालीन धान चावल की सरकारी खरीद आरंभ होने वाली है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार एफसीआई के पास प्रत्यक्ष रूप से 326.80 लाख टन चावल का स्टॉक मौजूद है जबकि उसे 128.90 लाख टन चावल का अतिरिक्त स्टॉक राइस मिलर्स से प्राप्त होना है।
इसे मिलाकर चावल का कुल स्टॉक बढ़कर 455.70 लाख टन पर पहुंच जाएगा। प्रचलित नियम के अनुसार केन्द्रीय पूल में 1 अक्टूबर को कम से कम 102.50 लाख टन चावल का स्टॉक अवश्य मौजूद होना चाहिए जबकि वास्तविक स्टॉक उससे बहुत अधिक रहेगा और इसलिए सरकार इस विशाल अधिशेष स्टॉक को हटाना चाहती है।
खुले बाजार बिक्री योजना के तहत भी बल्क खरीदारों को 2800 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम आरक्षित मूल्य (रिजर्व प्राइस) के साथ साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से चावल बेचा जाएगा।
ध्यान देने की बात है कि सरकार ने भारत ब्रांड के तहत चावल का खुदरा बिक्री मूल्य बढ़ा दिया है मगर ओएमएसएस के तहत रिजर्व मूल्य में कुछ कटौती कर दी है।
खाद्य निगम के गोदामों से 2800 रुपए प्रति क्विंटल की दर से चावल प्राप्त होने से उन राज्यों को विशेष राहत मिलेगी जहाँ पीडीएस में इसकी अलग से आपूर्ति की जाती है।