iGrain India - तिरुअनन्तपुरम । दक्षिण-पश्चिम मानसून पिछले कुछ दिनों से देश के दक्षिणी एवं पश्चिमी राज्यों में सक्रिय बना हुआ है जबकि अब इसका ट्रफ उत्तर दिशा की ओर बढ़कर पश्चिमोत्तर एवं पूर्वी भारत में पहुंचने की संभावना है।
इसके फलस्वरूप अगले 2-3 दिनों में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में दूर-दूर तक भारी बारिश होने के आसार हैं।
पूर्वी भारत के भी कुछ राज्यों में मूसलाधार वर्षा हो सकती है जिसमें बिहार झारखंड, उड़ीसा एवं पश्चिम बंगाल का कुछ भाग शामिल है।
हालांकि चालू वर्ष के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश 30 जुलाई तक दीर्घकालीन औसत से 2.1 प्रतिशत अधिक हुई मगर देश के कुछ इलाकों में बहुत कम वर्षा होने से सूखे का संकट बना हुआ है।
कम बारिश के बावजूद खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष से आगे चल रहा है लेकिन सबसे प्रमुख खाद्यान्न-धान का रकबा कुछ पीछे हो गया है।
उत्तर प्रदेश के कुल जिलों में भयंकर बाढ़ की विभीषिका देखी गई तो कई अन्य जिलों में पानी कम बरसा है। बिहार और झारखंड के कुछ जिले भी वर्षा की कमी से जूझ रहे हैं जबकि तापमान ऊंचा चल रहा है।
चालू सप्ताह की संभावित वर्षा से अभावग्रस्त राज्यों में किसानों को राहत मिलेगी और खासकर धान की रोपाई की रफ्तार तेज होगी।
दलहन, तिलहन एवं मोटे अनाजों का क्षेत्रफल पहले ही गत वर्ष से आगे निकल चुका है और गन्ना का रकबा भी कुछ बढ़ा है मगर धान तथा कपास की खेती पिछड़ गई है। धान की रोपाई के लिए खेतों में पानी मौजूद रहना जरुरी होता है जो कुछ क्षेत्रों में वर्षा के अभाव में संभव नहीं हो रहा है।