iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय पूल में फिलहाल 326.80 लाख टन चावल का स्टॉक मौजूद है जबकि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को राइस मिलर्स से 128.90 लाख टन चावल का अतिरिक्त स्टॉक प्राप्त होने वाला है।
इसके तहत राइस मिलर्स को कस्टम मिलिंग के लिए धान का स्टॉक पहले ही आवंटित किया जा चुका है। इस तरह निगम के पास चावल की कुल स्टॉक 455.70 लाख टन माना जा सकता है जो 1 अक्टूबर के लिए आवश्यक न्यूनतम बफर मात्रा 102.50 लाख टन के चार गुणा से भी अधिक है।
ध्यान देने वाली बात है कि 1 अक्टूबर से ही खरीफ कालीन धान की सरकारी खरीद का सीजन औपचारिक तौर पर आरंभ होता है।
धान का उत्पादन क्षेत्र चालू खरीफ सीजन में 26 जुलाई तक 215.97 लाख हेक्टेयर पर पहुंच सका जो पिछले साल की समान अवधि के क्षेत्रफल 216.39 लाख हेक्टेयर से 42 हजार हेक्टेयर पीछे रह गया।
विभिन्न उत्पादक राज्यों में मानसून की बारिश के सहारे धान की जोरदार रोपाई अभी आरी है और इसका सिलसिला अगले कुछ सप्ताहों तक बरकरार रहेगा।
उम्मीद की जा रही है कि चालू खरीफ सीजन के अंत तक राष्ट्रीय स्तर पर धान का कुल रकबा गत वर्ष के आसपास या उससे कुछ ऊपर पहुंच सकता है।
केन्द्र सरकार चावल के विशाल अधिशेष स्टॉक को घटाने के लिए तरह-तरह का प्रयास कर रही है। नवीनतम घटनाक्रम के तहत राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों को सीधे भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों से 2800 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अपनी जरूरत के लायक चावल खरीदने की अनुमति दी गई है।
इसकी प्रक्रिया आज यानी 1 अगस्त से आरंभ हो जाएगी। हालांकि खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत भी चावल बेचने का प्रयास जारी रहेगा
लेकिन पिछले वित्त वर्ष का अनुभव इस मामले में सरकार के लिए ज्यादा सुखद नहीं रहा क्योंकि इस योजना के तहत उसे केवल 1.90 टन चावल बेचने में सफलता मिल सकी थी।
राज्यों की अच्छी खरीद होने पर केन्द्रीय पूल में चावल का स्टॉक घटाने में सहायता प्राप्त हो सकती है।