iGrain India - मुम्बई । अफ्रीकी देश- मोजाम्बिक से भारत को तुवर का निर्यात नकाला बंदरगाह से पुनः आरंभ हो गया है। समझा जाता है कि वहां भारत विरोधी एक ग्रुप द्वारा इसमें अड़ंगेबाजी की जा रही थी जिसे देखते हुए उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय तथा मोजाम्बिक स्थित भारतीय दूतावास के समक्ष यह मुद्दा उठाया।
इसकी सक्रियता बढ़ने से यह मामला हल हो गया और मोजाम्बिक के अधिकारियों ने अड़चनों को दूर कर दिया।
उच्च सदस्य सूत्रों के अनुसार मोजाम्बिक स्थित भारतीय उच्चायोग ने उपभोक्ता मामले मंत्रालय को सूचित किया है कि नकाला बंदरगाह से करीब 35 हजार टन तुवर की लदान के साथ 1400 कंटेनर वाला जहाज भारत के लिए पहले ही प्रस्थान कर चुका है जबकि शेष 400 कंटेनर भी अगस्त के मध्य तक रवाना होने की संभावना है।
इसके अलावा मलावी से भी तुवर की खेप भारत भेजी जाएगी। मालूम हो कि मलावी के निर्यातक तुवर के शिपमेंट के लिए अक्सर मोजमाबिक के नकाला बंदरगाह का ही इस्तेमाल करते हैं। मलावी तुवर के कुछ कंटेनर मध्य अगस्त तक भारत के लिए प्रस्थान कर सकते हैं।
हालांकि भारत दुनिया में तुवर सहित दलहनों का सबसे बड़ा उत्पादक देश है मगर फिर भी विशाल घरेलू मांग को पूरा करने के लिए इसे विदेशों से इसके आयात पर निर्भर रहना पड़ता है।
भारत में दुनिया के विभिन्न देशों से अनेक तरह के दलहनों का आयात किया जाता है जिसमें तुवर, मसूर, देसी चना, काबुली चना, पीली मटर, राजमा और लोबिया आदि मुख्य रूप से शामिल हैं।
पहले मूंग का भी आयात होता था मगर पिछले ढाई साल से इसके आयात पर प्रतिबंध लगा हुआ है। दलहनों का आयात मुख्य रूप से कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, रूस, म्यांमार एवं कुछ अफ्रीकी देशों से किया जाता है।
2023-24 सीजन के दौरान भारत में 7.71 लाख टन तुवर का आयात हुआ जिसमें से 2.64 लाख टन या करीब एक तिहाई भाग का आयात अकेले मोजाम्बिक से किया गया।