iGrain India - नई दिल्ली । पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान कपास का उत्पादन क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, राजस्थान एवं गुजरात में घट गया है जबकि कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु में बढ़ा है।
उद्योग समीक्षकों के अनुसार उत्तरी राज्यों में कपास के बिजाई क्षेत्र में आई गिरावट की आंशिक भरपाई दक्षिण भारत में हुई बढ़ोत्तरी से हो सकती है लेकिन इसके बावजूद राष्ट्रीय स्तर पर इसका कुल क्षेत्रफल गत वर्ष से कुछ पीछे छूट सकता है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चालू खरीफ सीजन में 26 जुलाई तक कपास का कुल उत्पादन क्षेत्र 105.73 लाख हेक्टेयर पर पहुंच सका जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 113.54 लाख हेक्टेयर से करीब 8 लाख हेक्टेयर तथा समान्य औसत क्षेत्रफल 129 लाख हेक्टेयर से लगभग 23 लाख हेक्टेयर पीछे था।
22 जुलाई तक के आंकड़ों के अनुसार गत वर्ष की तुलना में वर्तमान खरीफ सीजन के दौरान कपास का उत्पादन क्षेत्र गुजरात में 25.40 लाख हेक्टेयर से घटकर 21 लाख हेक्टेयर, पंजाब में 2.14 लाख हेक्टेयर से गिरकर 1 लाख हेक्टेयर,
हरियाणा में 6.65 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 4.76 लाख हेक्टेयर तथा राजस्थान में 7.73 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 4.94 लाख हेक्टेयर रह गया।
दूसरी ओर दक्षिण भारत में कपास का बिजाई क्षेत्र कर्नाटक में 2.44 लाख हेक्टेयर से उछलकर 6.09 लाख हेक्टेयर, तेलंगाना में 14.13 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 15.22 लाख हेक्टेयर तथा आंध्र प्रदेश में 1.32 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1.60 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
महाराष्ट्र में भी रकबा 38.33 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 39.69 लाख हेक्टेयर हो गया हालांकि रूई का सबसे ज्यादा उत्पादन गुजरात में होता है मगर कपास का सर्वाधिक बिजाई क्षेत्र महाराष्ट्र में रहता है। तेलंगाना तीसरे नम्बर पर है। 2023-24 के सीजन में महाराष्ट्र में रूई का उत्पादन बढ़कर गुजरात के काफी करीब पहुंच गया था।