iGrain India - मुम्बई । आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल-मार्च) के दौरान भारत में करीब 9.94 लाख टन अरहर (तुवर) का कुल आयात हुआ था जिसमें मोजाम्बिक से आयातित माल की भागीदारी आधी से अधिक यानी लगभग 4.60 लाख टन की रही थी।
इसके मुकाबले वित्त वर्ष 2023-24 में कुल आयात घटकर 7.71 लाख टन पर सिमट गया और इसमें मोजाम्बिक के आयातित माल की हिस्सेदारी भी घटकर करीब एक-तिहाई या 2.64 लाख टन पर सिमट गई।
ज्ञात हो कि मोजाम्बिक अफ्रीका महाद्वीप में तुवर का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है और भारत इसका सबसे प्रमुख खरीदार है।
इसी तरह भारत को तुवर की आपूर्ति करने वाले चौथे सबसे बड़े और मोजाम्बिक के पड़ोसी देश- मलावी से भी इस अवधि के दौरान अरहर का कम आयात हुआ।
प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक भारत में मलावी से 2022-23 के वित्त वर्ष में 60,463 टन तुवर का आयात हुआ था जो 2023-24 में 12 प्रतिशत घटकर 52,773 टन रह गया।
दरअसल कुछ बाधाओं एवं अड़चनों के कारण इन दोनों अफ्रीकी देशों से भारत में तुवर का आयात कम हुआ। अब धीरे-धीरे इसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
शीघ्र ही इन देशों में तुवर की नई फसल की कटाई-तैयारी जोर पकड़ने वाली है। मोजाम्बिक में एक भारत विरोधी समूह सक्रिय है जो नकाला पोर्ट से दलहनों (मुख्यत: तुवर) के निर्यात शिपमेंट में बाधा डाल रहा है।
फिलहाल इसकी गतिविधि कुछ थम गई है और वहां से भारत के लिए तुवर का जहाज रवाना हो चुका है मगर आगामी महीनों में इस समूह की हरकत एवं सक्रियता बढ़ सकती है।
भारतीय उच्चायोग मोजाम्बिक के अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर गंभीरतापूर्वक बातचीत कर रहा है ताकि निर्यात शिपमेंट में आगे कोई कठिनाई न हो।