iGrain India - जयपुर । प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में सरसों की आवक घटने लगी है जबकि किसानों के पास इसका अच्छा-खासा स्टॉक अभी मौजूद है।
जयपुर के चांदपोल की अनाज मंडी में स्थित विश्वसनीय प्रतिष्ठान- मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल चतर ने 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (मार्च-फरवरी) के शुरूआती पांच महीनों के दौरान उत्पादक मंडियों में तथा सरकारी क्रय केन्द्रों पर कुल मिलाकर 79 लाख टन सरसों की आवक होने का अनुमान लगाया है।
इसके तहत मार्च 2024 में मंडियों में 15.50 लाख टन तथा क्रय केन्द्रों पर 10 हजार टन, अप्रैल में 15 लाख टन एवं 13.80 लाख टन, मई में 11 लाख टन एवं 5.60 लाख टन तथा जून में 9 लाख टन एवं 50 हजार टन सरसों की आवक हुई।
जुलाई माह के दौरान मंडियों में 8.50 लाख टन सरसों पहुंची मगर सरकारी क्रय केन्द्रों पर इसकी आवक बंद हो गई। इस तरह इन पांच महीनों के दौरान उत्पादक मंडियों में 59 लाख टन एवं सरकारी क्रय केन्द्रों पर 20 लाख टन सरसों की आपूर्ति हुई।
उद्योग व्यापार संगठनों द्वारा 2023-24 के रबी सीजन में कुल 123 लाख टन सरसों के उत्पादन का अनुमान लगाया गया जिसके तहत राजस्थान में 53 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 18 लाख टन, मध्य प्रदेश में 16 लाख टन, पंजाब-हरियाणा में 12 लाख टन,
गुजरात में 5 लाख टन एवं बंगाल-बिहार सहित अन्य राज्यों में 19 लाख टन का संभावित उत्पादन शामिल है। इस 123 लाख टन के कुल उत्पादन में से 7 लाख टन की आवक फरवरी 2024 में हो गई और 2024-25 के मार्केटिंग सीजन के लिए 116 लाख टन सरसों उपलब्ध रही।
1 मार्च 2024 को करीब 12 लाख टन सरसों का पुराना स्टॉक मौजूद था जिससे मार्केटंग सीजन के लिए इसकी कुल उपलब्धता बढ़कर 128 लाख टन पर पहुंच गई।
नैफेड / हैफेड के पास 7.50 लाख टन सरसों का पिछला स्टॉक मौजूद था जबकि सीजन के दौरान हुई 20 लाख टन की खरीद के साथ कुल स्टॉक बढ़कर 27.50 लाख टन पर पहुंचा।
इसमें से 25 हजार टन की बिक्री हो चुकी है। जहां तक उत्पादकों की बात है तो 116 लाख टन के मूल उत्पादन में से 79 लाख टन की बिक्री करने के बाद 1 अगस्त 2024 को उसके पास 37 लाख टन सरसों का स्टॉक बच गया।
इसी तरह 59 लाख टन की कुल आवक में से 54.50 लाख टन सरसों की क्रशिंग हो गई और 4.50 लाख टन का स्टॉक बच गया।