iGrain India - रोम । संयुक्त राष्ट्र संघ की एजेंसी- खाद्य एवं कृषि संगठन (फाओ) के सकल चावल मूल्य सूचकांक फारसी का औसत स्तर जुलाई 2024 में गिरकर 133.3 बिंदु पर अटक गया जो जून के स्तर 136.6 बिंदु से 2.4 प्रतिशत कम तथा पिछले 12 महीनों का सबसे निचला स्तर रहा।
इसके तहत खासकर इंडिका श्रेणी के चावल फारसी 2.9 प्रतिशत घट गया। इसी तरह सुस्त व्यापारिक गतिविधियों के कारण जैपोनिका चावल का मूल्य सूचकांक 2.1 प्रतिशत नीचे आया।
एरोमैटिक चावल का मूल्य सूचकांक काफी हद तक स्थिर बना रहा मगर ग्लुटिनस चावल का फारसी जून की तुलना में 0.6 प्रतिशत ऊपर उठ गया।
इसका दाम मुख्यत: थाईलैंड की वजह से बढ़ा क्योंकि वहां ग्लुटिनस चावल की उपलब्धता काफी घट गई। इंडिका चावल के लिए अधिकांश एशियाई देशों में जुलाई के दौरान नरमी की धारणा बरकरार रही क्योंकि बदरगाहों पर जगह की कमी रही, कंटेनरों का अभाव रहा और कंटेनरों का किराया भाड़ा भी ऊंचा हो गया।
भारत सरकार घरेलू प्रभाग में चावल की आपूर्ति एवं उलब्धता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है लेकिन केन्द्रीय पूल में विशाल स्टॉक मौजूद होने के बावजूद निर्यातकों को सफेद चावल के निर्यात की अनुमति देने के मूड में नहीं है।
उधर वियतनाम में जुलाई तक धान की फसल की कटाई जारी रहने की सूचना मिली। थाईलैंड से भी चावल के निर्यात का अनुमान बढ़ा दिया गया है।
इसके फलस्वरूप जून की तुलना में जुलाई माह के दौरान इन दोनों देशों में साबुत चावल के दाम में 3 से 7 प्रतिशत तक की गिरावट आ गई।
जुलाई 2024 के दौरान 5 प्रतिशत टूटे भारतीय सेला चावल का औसत निर्यात ऑफर मूल्य 537 डॉलर प्रति टन दर्ज किया गया जो जून के लगभग बराबर मगर जुलाई 2023 के औसत मूल्य से 23 प्रतिशत ज्यादा था।
जुलाई 2023 की तुलना में जुलाई 2024 के दौरान अर्जेन्टीना, ब्राजील, पाकिस्तान, थाईलैंड, वियतनाम, उरुग्वे जैसे देशों के चावल का निर्यात ऑफर मूल्य ऊंचा रहा।