iGrain India - नई दिल्ली। पिछले साल मानसून की कमजोर बारिश के कारण दलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र खरीफ सीजन में घट गया था और अगस्त के सूखे तथा सितम्बर-अक्टूबर की भारी बारिश से भी फसलों को नुकसान हुआ था जिससे इसके उत्पादन में कमी आ गई थी।
इसके फलस्वरूप खासकर अरहर (तुवर) एवं उड़द का भाव उछलकर अत्यन्त ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। इसे देखते हुए चालू खरीफ सीजन में दलहनों का बिजाई क्षेत्र बढ़ने की उम्मीद की जा रही थी और सौभाग्य से प्रमुख उत्पादक इलाकों में दक्षिण-पश्चिम मानसून न केवल सही समय पर पहुंच गया बल्कि वहां नियमित रूप से अच्छी बारिश भी होती रही। इससे किसानों को बिजाई की गति बढ़ाने का अच्छा अवसर मिल गया।
कंद्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि चालू खरीफ सीजन में 2 अगस्त तक दलहन फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 110.61 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की इसी अवधि के बिजाई क्षेत्र 99.71 लाख हेक्टेयर से 10.90 लाख हेक्टेयर ज्यादा है।
कुछ इलाकों में दलहन फसलों की बिजाई अभी जारी है। पिछले एक सप्ताह के अंदर करीब 8 लाख हेक्टेयर में दलहनों की खेती हुई है। इससे खासकर तुवर का रकबा तेजी से बढ़ रहा है।
उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर तुवर का उत्पादन क्षेत्र 33.27 लाख हेक्टेयर से उछलकर 41.89 लाख हेक्टेयर तथा मूंग का बिजाई क्षेत्र 28.15 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 31.62 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया मगर उम्मीद के विपरीत उड़द का क्षेत्रफल 26.21 लाख हेक्टेयर से घटकर 25.96 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।
उड़द का बाजार भाव भी सरकारी समर्थन मूल्य से ऊंचा चल रहा है। इसी तरह मोठ का उत्पादन क्षेत्र 8.90 लाख हेक्टेयर से घटकर 7.86 लाख हेक्टेयर रह गया और कुलथी का रकबा 20 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 16 हजार हेक्टेयर पर अटक गया जबकि अन्य खरीफ दलहनों का बिजाई क्षेत्र 2.99 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 3.11 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।