iGrain India - देश के अधिकांश राज्यों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के सही समय पर पहुंचने से किसानों को इस बार खरीफ फसलों की अगैती बिजाई आरंभ करने का अवसर मिल गया और एक बार रफ़्तार पकड़ने के बाद बिजाई आगे ही बढ़ती रही।
इसके फलस्वरूप 2 अगस्त 2024 तक खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 904.60 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 879.22 लाख हेक्टेयर से 3 प्रतिशत ज्यादा है
और सामान्य औसत क्षेत्रफल का 82.5 प्रतिशत है। गत वर्ष के मुकाबले इस बार धान, दलहन, तिलहन, मोटे अनाज तथा गन्ना के रकबे में बढ़ोत्तरी हुई है मगर कपास की बिजाई काफी पीछे छूट गई है।
इस बार खरीफ फसलों का पंचवर्षीय औसत क्षेत्रफल 1095.84 लाख हेक्टेयर आंका गया है और जिस रफ्तार से बिजाई हो रही है उसे देखते हुए प्रतीत होता है कि कुल रकबा इस स्तर तक पहुंच जाएगा।
अभी धान तथा अरंडी की खेती बड़े क्षेत्रफल में होना बाकी है। धान का उत्पादन क्षेत्र 276.91 लाख हेक्टेयर पर ही पहुंचा है जो पिछले साल के रकबा 263.01 लाख हेक्टेयर से 5.3 प्रतिशत ज्यादा है।
आमतौर पर खरीफ सीजन में लगभग 400 लाख हेक्टेयर में धान की खेती होती है जिसके मुकाबले क्षेत्रफल अभी काफी पीछे है। सामान्यतः मध्य सितम्बर तक इसकी खेती जारी रहती है।
अरंडी की बिजाई गुजरात में जोर पकड़ने की उम्मीद की जा रही है। यह गौरतलब तथ्य है कि गन्ना, कपास, सोयाबीन, मूंगफली, मक्का, उड़द, मूंग एवं तुवर आदि महत्वपूर्ण फसलों का रकबा लगभग संतृप्त अवस्था में पहुंच चुका है और इसलिए आगे इसके क्षेत्रफल में भारी इजाफा होना मुश्किल है।
बेहतर बिजाई के बाद अब सबका ध्यान खरीफ फसलों की हालत और प्रगति पर केन्द्रित हो गया है। इसके लिए मौसम एवं मानसून पर नजर रखने की आवश्यकता है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून की वर्षा का असमान वितरण खरीफ फसलों को प्रभावित कर रहा है और आगे भी कर सकता है।
कुछ राज्यों में अत्यधिक बारिश होने से खेतों में पानी भर आने के कारण विभिन्न खरीफ फसलों को नुकसान होने की आशंका बढ़ गई है।
महाराष्ट्र में क्षति की सूचना पहले से ही मिल रही है। अन्य राज्यों से भी नुकसान के आंकड़े आगामी दिनों में सामने आएंगे।
दिलचस्प तथ्य यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर इस बार मानसून की लगभग सामान्य वर्षा हुई है मगर कहीं कम एवं कहीं ज्यादा बारिश होने से खरीफ फसलों की बिजाई एवं प्रगति पर असर पड़ रहा है। बेहतर तस्वीर के लिए अगस्त के अंत तक इंतजार करना पड़ेगा।