iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव ने टीवी पर एक साक्षात्कार में स्पष्ट कहा है कि विदेशों से पीली मटर का आयात जारी रहेगा और इस पर लगे शून्य प्रतिशत के सीमा शुल्क की दर में कोई इजाफा या परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा आयातकों को 31 अक्टूबर 2024 तक पीली मटर एवं देसी चना के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी गई है।
अफ्रीकी देश मोजाम्बिक से तुवर के आयात में हो रही कठिनाई के मुद्दे पर सचिव ने कहा कि सरकार की मध्यस्थता के बाद वहां से करीब 1400 कंटेनरों में तुवर के आयात का रास्ता साफ हो गया।
मोजाम्बिक एवं मलावी सहित अन्य अफ्रीकी देशों में अरहर की नई फसल की कटाई-तैयारी शुरू होने के बाद अगले महीने यानी सितम्बर से इसका आयात आरंभ हो जाएगा।
उपभोक्ता मामले सचिव के मुताबिक काबुली चना पर आयात शुल्क में कटौती करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। समझा जाता है कि देश में इसका समुचित स्टॉक उपलब्ध है
और इसकी कीमतों में भी काफी हद तक स्थिरता बनी हुई है। कुछ दिन पहले सरकार ने काबुली चना को भंडारण सीमा आदेश (स्टॉक लिमिट आर्डर) के दायरे से बाहर कर दिया था।
खरीफ दलहन फसलों की बिजाई अंतिम चरण में पहुंच गई है जिसे देखते हुए सचिव महोदय को उम्मीद है कि मध्य अगस्त तक इसकी बिजाई की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
उनका कहना था कि दाल-दलहनों के थोक एवं खुदरा मूल्य में हाल के सप्ताहों में कमी आई है जबकि आगे इसमें कुछ और नरमी आ सकती है।
चना दाल का भाव लम्बे समय से स्थिर बना हुआ है मगर इसका स्तर अब भी काफी ऊंचा है। अरहर और देसी चना पर स्टॉक लिमिट लागू है इसलिए कीमतों में तेजी पर कुछ हद तक ब्रेक लगा हुआ है।
दाल-दलहनों की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार हर संभव उपाय कर रही है।
दिलचस्प तथ्य यह है कि इस खबर (साक्षात्कार) के बाद दिल्ली में चना का भाव 75-100 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी के साथ खुला।