iGrain India - कोलकाता । भारत के पूर्वी पड़ोसी देश - बांग्ला देश में छात्रों के विशाल एवं उग्र प्रदर्शन से हालात इतने बेकाबू हो गए हैं कि प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ने के लिए विवश होना पड़ा है।
पूरे बांग्ला देश में कर्फ्यू लगा हुआ है। जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और पुलिस के साथ झड़प में अभी तक करीब 300 लोग (मुख्यत: छात्र) मारे जा चुके हैं। भारत की ओर से तत्काल सख्त एहतियाती कदम उठाए गए हैं और बांग्ला देश की सीमा पर बीएसएफ (बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स) के जवानों की तैनाती बढ़ा दी गई है। हर जगह चौकसी बढ़ा दी गई है।
भारत और बांग्ला देश के बीच द्विपक्षीय व्यापार ठप्प पड़ गया है। सीमा के सील होने से सड़क मार्ग से होने वाला व्यापार बंद हो गया है।
भारत से चावल, मसालों तथा ऑयल मील आदि का निर्यात वहां नहीं हो रहा है और न ही बांग्ला देश सामान भारतीय सीमा में पहुंचा रहा है।
स्मगलिंग का धंधा भी बंद हो गया है। भारत में वहां से बड़ी संख्या में शरणार्थियों या घुसपैठियों के आने की आशंका है जिस पर सीमा सुरक्षा बल क जवान पैनी नजर रखे हुए हैं।
भारत और बांग्ला देश के बीच रोड, रेक तथा समुद्री मार्ग से द्विपक्षीय व्यापार बड़े पैमाने पर होता रहा है जिस पर अब अस्थायी विराम लग गया है। वहां हालात को सामान्य होने में कुछ समय लग सकता है।
बांग्ला देश के प्रमुख बंदरगाह-चटगांव में भी छात्र आंदोलन बड़े पैमाने पर हो रहे हैं इसलिए आयातकों-निर्यातकों को कुछ दिनों के लिए अपनी गतिविधियां बंद रखने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
भारतीय परिक्षेत्र में इनलैंड कंटेनर डिपो में बांग्ला देश को भेजे जाने वाले सामानों का भारी-भरकम स्टॉक पड़ा हुआ है मगर इसका निर्यात नहीं हो रहा है।