iGrain India - नई दिल्ली (भारती एग्री एप्प)। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने कृषि क्षेत्र के सतत एवं तीव्र विकास के लिए छह प्राथमिकताएं निर्धारित की हैं
जिसमें उत्पादन बढ़ाना लागत खर्च घटाना, किसानों को उसके उत्साह का उचित मूल्य दिलाना, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान किसानों को राहत सहायता प्रदान करना, कृषि फसलों का विविधिकरण करना और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना शामिल है।
कृषि मंत्री के अनुसार इन छह प्राथमिकताओं या सिद्धांतों पर आधारित कृषि क्षेत्र के लिए एक रेडमैप पर काम किया जा रहा है।
उनका कहना है था कि पिछले एक दशक के दौरान सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र के तीव्र विकास के लिए अनेक कदम उठाए गए है और इसका सकारात्मक परिणाम भी सामने आया है।
सरकार किसानों को उसके उत्पादों का लाभप्रद मूल्य दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध है और साथ ही साथ अत्यन्त रियायती मूल्य पर उसे यूरिया तथा डीएपी उर्वरक भी उपलब्ध करवाया जाता है।
कृषि क्षेत्र की प्रगति के लिए विपक्षी दलों द्वारा जो भी ठोस दिए जाएंगे उस पर सरकार निश्चित रूप से गम्भीरतापूर्वक विचार करेगी। इसमें किसी तरह की हठधर्मिता नहीं होगी।
किसानों के कल्याण के लिए सभी सार्थक एवं क्रिया योग्य उपायों को लागू किया जाएगा। राजस्थान में 3 अगस्त को विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि सरकार किसानों के हितों के खिलाफ काम कर रही है।
लेकिन कृषि मंत्री ने इस आरोप को अस्वीकार करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए बजट आवंटन में कोई कटौती नहीं हुई है और न ही सम्बद्ध क्षेत्र के लिए फंड में कमी की गई है।
कृषि मंत्री ने इस आरोप को भी खारीज कर दिया कि सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न की खरीद नहीं कर रही है।