iGrain India - मुम्बई । भारत सरकार द्वारा देसी चना के आयात को शुल्क मुक्त करने का निर्णय लिए जाने के बाद देश में इसका आयात तेजी से बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। पहले देसी चना पर कुल मिलाकर 66 प्रतिशत का आयात शुल्क लगा हुआ था जिसे सरकार ने 31 अक्टूबर 2024 तक के लिए स्थगित कर दिया है।
भारत में ऑस्ट्रेलिया से अप्रैल में केवल 270 टन चना मंगाया गया था मगर मई में इसकी मात्रा उछलकर 21,641 टन तथा जून में और भी बढ़कर 25,632 टन पर पहुंच गई।
इस तरह अप्रैल-जून 2024 की तिमाही के दौरान भारत ऑस्ट्रेलिया चना का आयात बढ़कर 47,543 टन पर पहुंच गया। जून के बाद भी चना का आयात बढ़ने की उम्मीद है।
घरेलू प्रभाग में आपूर्ति एवं उपलब्धता की जटिल स्थिति एवं ऊंची कीमत के कारण भारतीय आयातकों को ऑस्ट्रेलिया से चना का आयात बढ़ाने का प्रोत्साहन मिल रहा है। इससे पूर्व अफ्रीकी देशों से इसका थोड़ा-बहुत आयात किया जाता था क्योंकि उस पर शुल्क नहीं लगता था।
ऑस्ट्रेलिया में चना की बिजाई पहले ही पूरी हो चुकी है। इस बार न केवल क्षेत्रफल में बढ़ोत्तरी हुई है बल्कि प्रमुख उत्पादक इलाकों में नियमित अंतराल पर अच्छी बारिश होने से फसल का विकास भी संतोषजनक ढंग से हो रहा है जिससे औसत उपज दर एवं कुल पैदावार में वृद्धि होने के आसार हैं।
वहां चना की नई फसल अक्टूबर-नवम्बर में उस समय आएगी जब भारत में इसकी बिजाई चल रही होगी। इस बीच जुलाई से सितम्बर के दौरान ऑस्ट्रेलिआई उत्पादकों को अपने स्टॉक चल रही होगी।
इस बीच जुलाई से सितम्बर के दौरान ऑस्ट्रेलियाई उत्पादकों को अपने स्टॉक के चने की बिक्री बढ़ाने का भरपूर अवसर मिल जाएगा क्योंकि भारतीय आयातक इसकी खरीद में भारी दिलचस्पी दिखाएंगे।
भारत में त्यौहारी सीजन के दौरान अक्सर चना के बेसन की मांग एवं खपत बहुत बढ़ जाती है। चना पर स्टॉक सीमा लागू होने के बावजूद इसके बाजार भाव में नरमी आने का कोई संकेत नहीं मिल रहा है।