iGrain India - सिडनी । चीन तथा दक्षिण-पूर्व एवं सुदूर-पूर्व एशिया में ऑस्ट्रेलियाई गेहूं की भारी मांग बनी हुई है। ऑट्रेलियाई सांख्यिकी ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार ऑस्ट्रेलिया से अप्रैल-जून 2024 की तिमाही के दौरान बल्क रूप में करीब 42.39 लाख टन तथा कंटेनरों में लगभग 4.56 लाख टन गेहूं का निर्यात किया गया।
बल्क रूप के तहत अप्रैल में 16.90 लाख टन, मई में 14.32 लाख टन तथा जून में 11.17 लाख टन गेहूं का शिपमेंट हुआ।
इसके प्रमुख खरीदारों में चीन, इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया, दक्षिण कोरिया एवं वियतनाम आदि शामिल थे। चीन ने ऑस्ट्रेलिया से 4 हजार टन से कुछ अधिक ड्यूरम गेहूं का भी आयात किया जबकि बल्क में 7.58 लाख टन तथा कंटेनरों में 57 हजार टन गेहूं मंगवाया।
कंटेनरों में ऑस्ट्रेलिया से अप्रैल में 1.59 लाख टन, मई में 1.56 लाख टन और जून में 1.41 लाख टन के साथ पूरी तिमाही में करीब 4.56 लाख टन गेहूं का निर्यात किया गया।
चीन के अलावा कंटेनरों में ऑस्ट्रेलियाई गेहूं मंगाने वाले अन्य प्रमुख देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, ताईवान, थाईलैंड वियतनाम एवं भारत आदि सम्मिलित थे। भारत में ऑस्ट्रेलिया से कंटेनरों में अप्रैल में 1965 टन, मई में 245 टन तथा जून में 11,013 टन सहित पूरी तिमाही में कुल 13223 टन गेहूं का आयात किया गया।
हालांकि आमतौर पर भारत में गेहूं का आयात करना आर्थिक दृष्टि से लाभप्रद नहीं माना जाता है क्योंकि इस पर 40 प्रतिशत का भारी-भरकम सीमा शुल्क लगा हुआ है
मगर दक्षिण भारत के कुछ फ्लोर मिलर्स ऑस्ट्रेलिया से प्रोटीन के ऊंचे अंश वाले गेहूं का आयात करके उसे भारतीय गेहूं में मिलाते हैं और फिर उसकी प्रोसेसिंग करते हैं। इससे गेहूं उत्पादों की क्वालिटी अच्छी हो जाती है।