iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा है कि सरकार ने कृषि उत्पादों के लिए 100 एक्सपोर्ट क्लस्टर का निर्माण करने का प्लान बनाया है जिसके लिए 18,000 करोड़ रुपए की राशि का निवेश किया जाएगा।
इसी तरह दलहनों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल हासिल करने के लिए 6800 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई गई है।
कृषि मंत्री ने स्वीकार किया कि इस क्षेत्र में कुछ समस्याएं एवं चुनौतियां बरकरार हैं और उसके दूर करने तथा अन्य सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए किसानों तथा उनके संघों संगठनों से बातचीत की जाएगी।
कृषि मंत्री के मुताबिक इस क्षेत्र में कुछ समस्याएं हैं मगर उसका समाधान भी मौजूद है। इसके बारे में वे किसानों से बातचीत करेंगे।
कृषि मंत्री का कहना था कि बातचीत के जरिए सभी समस्याओँ को हल किया जाएगा और सरकार सबको अपने साथ लेकर आगे बढ़ने का प्रयास करेगी। उन्होंने राजनैतिक दलों से आग्रह किया कि वे किसानों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल न करें।
कृषि क्षेत्र के विजन एवं आगामी परिदृश्य के बारे में उन्होंने कहा कि देश में एक जलवायु रोधी कृषि प्रणाली का निर्माण करने के लिए केन्द्र सरकार मिशन के स्तर पर समूचे भारत में 50,000 जलवायु हितैषी गांवों का विकास करेगी और बीजों की 1500 नई किस्मों का विकास भी करेगी। इससे जलवायु परिवर्तन के खतरे से फसलों को बचाने में सहायता मिलेगी।
कृषि मंत्री के अनुसार किसानों को उनकी अपनी एक डिजीटल पहचान दी जाएगी जिसके लिए सरकार एक योजना पर काम कर रही है।
लेकिन विपक्षी दल का कहना है था कि कृषि मंत्री गलत बयानी कर रहे हैं। स्वयं केन्द्र सरकार ने 6 फरवरी 2015 को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा देकर कहा था कि किसानों को लागत खर्च से 50 प्रतिशत का लाभ नहीं दिया जा सकता है। क्योंकि इससे बाजार का समीकरण बिगड़ जाएगा।