iGrain India - मापुटो । अफ्रीकी देश मोजाम्बिक से निर्यात होने वाले तमाम उत्पादों के लिए उद्गम प्रमाण पत्र (सर्टिफिकेट ऑफ ओरीजिन या सीओ) अब चैम्बर ऑफ कॉमर्स ऑफ मोजाम्बिक (सीसीएम) द्वारा इलेक्ट्रॉनिक पद्धति से जारी किया जाएगा जिसका उद्देश्य निर्यात की प्रक्रिया को सुगम और आसान तथा अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जा सके।
मोजाम्बिक के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कुछ दिन पूर्व इंटरनेशनल ट्रेड फैसिलिटेशन कमिटी के प्रथम अधिवेशन के दौरान यह जानकारी देते हुए कहा था कि इलेट्रॉनिक पद्धति से प्रमाण पत्र जारी किए जाने से अनियमितता की संभावना घट जाएगी।
निर्यातकों को यह साबित करने में आसानी होगी कि वे जिन उत्पादों का शिपमेंट कर रहे हैं उसका उत्पादन मोजाम्बिक में ही हुआ है।
प्रमाण पत्र का नया मॉडल पिछले साल की दूसरी छमाही से ही इस्तेमाल में आने लगा था लेकिन वह प्रायोगिक तौर पर शुरू किया गया था। इस अवधि में निर्यातकों ने इस पद्धति को संतोषजनक बताया और इसलिए अब उसे पूरी तरह लागू करने का निर्णय लिया गया था।
उल्लेखनीय है कि भारत में मोजाम्बिक से अरहर (तुवर) का बड़े पैमाने पर आयात होता है। इसके अलावा वहां से कुछ अन्य उत्पाद भी मंगाए जाते हैं।
पिछले साल मोजाम्बिक से तुवर आयात में कुछ समस्या पैदा हो गई थी जो वर्तमान वित्त वर्ष में भी जारी रही।
लेकिन भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद मामला काफी हद तक सुलझ गया है। अगले महीने से मोजमाबिक से तुवर के नए माल का निर्यात आरंभ होने वाला है।
मोजाम्बिक में निर्यातकों को अब हाथ से लिखा हुआ उद्गम प्रमाण पत्र नहीं बल्कि इलेक्ट्रॉनिक पद्धति से तैयार सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा
जो ज्यादा सुरक्षित, विश्वसनीय और उपयोगी साबित होगा। प्रमाण पत्र का यह डिजीटल फार्मेट निर्यात आंकड़ों का बेहतर ढंग से संकलन करने में भी मददगार साबित होगा और सरकार को नीति बनाने में सहयोग देगा।