iGrain India - मुम्बई । मौसम एवं मानसून की अनुकूल स्थिति एवं ऊंचे बाजार भाव के कारण भारतीय किसनों द्वारा वर्तमान खरीफ सीजन के दौरान सबसे प्रमुख दलहन-अरहर (तुवर) की खेती में भारी दिलचस्पी दिखाई जा रही है जिससे इसके क्षेत्रफल में शानदार इजाफा हो रहा है।
बिजाई की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। दोनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- कर्नाटक एवं महाराष्ट्र में तुवर की शानदार बिजाई हुई है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार चालू खरीफ सीजन के दौरान 2 अगस्त तक राष्ट्रीय स्तर पर तुवर का उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 41. 90 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया
जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 33.25 लाख हेक्टेयर से करीब 26 प्रतिशत ज्यादा है। तुवर एवं मूंग की वजह से दलहन फसलों के कुल क्षेत्रफल में भी 11 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो गई।
तुवर की बिजाई के मामले में कर्नाटक शीर्ष स्थान पर चल रहा है। इस राज्य में अरहर का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 9.05 लाख हेक्टेयर से करीब 70 प्रतिशत उछलकर इस बार 15.30 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जो नियत बिजाई लक्ष्य 15.20 लाख हेक्टेयर से भी अधिक है।
कर्नाटक में इस बार मानसून की सही समय पर अच्छी बारिश होती रही जबकि मंडी भाव ऊंचा रहा। वहां फसल की हालत गत वर्ष से बेहतर दिखाई पड़ रही है और यदि आगामी महीनों में कोई खतरा उत्पन्न नहीं हुआ तो तुवर का शानदार उत्पादन हो सकता है।
सबसे प्रमुख उत्पादक जिला- कलबुर्गी में स्थित कर्नाटक प्रदेश रेड ग्राम ग्रोअर्स एसोसिएशन का कहना है कि नियमित रूप से अच्छी बारिश होने के कारण किसानों को तुवर का रकबा बढ़ाने में कोई कठिनाई नहीं हुई।
केन्द्र सरकार ने तुवर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2023-24 सीजन के 7000 रुपए प्रति क्विंटल से 550 रुपए या 7.9 प्रतिशत बढ़ाकर 2024-25 सीजन के लिए 7550 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है
जबकि कर्नाटक एवं महाराष्ट्र की प्रमुख मंडियों में इसका मॉडल मूल्य जिस पर सर्वाधिक कारोबार होता है। फिलहाल 10,500 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहा है।
महाराष्ट्र में भी तुवर का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के मुकाबले करीब 16 प्रतिशत बढ़कर इस बार 12 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है।
गुजरात तथा उत्तर प्रदेश में भी क्षेत्रफल कुछ बढ़ा है जबकि मध्य प्रदेश एवं तेलंगाना में रकबा कुछ पीछे चल रहा है।