iGrain India - नई दिल्ली (भारती एग्री एप्प)। हालांकि शीर्ष उद्योग संस्था- इंडियन शुगर एवं बायो एनर्जी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (इस्मा) ने सटीक आंकड़ों का हवाला देते हुए केन्द्र सरकार से चीनी के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने और इसके शिपमेंट की अनुमति देने का आग्रह किया है लेकिन त्यौहारी सीजन को देखते हुए लगता है कि सरकार शायद इस आग्रह को जल्दी स्वीकार नहीं करेगी।
निस्संदेह सरकार को पता है कि उद्योग के पास चीनी का भरपूर (अधिशेष) स्टॉक मौजूद है और खुले बाजार में भी इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सुगम बनी हुई है लेकिन फिर भी वह अक्टूबर 2024 तक इसके निर्यात की स्वीकृति देने से हिचक सकती है।
आमतौर पर त्यौहारी सीजन के दौरान घरेलू प्रभाग में चीनी की मांग, खपत एवं कीमत बढ़ जाती है जबकि सरकार बेहतर आपूर्ति व्यवस्था के साथ कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने का प्रयास करती है।
यद्यपि इस्मा का कहना है कि केवल अधिशेष स्टॉक वाली चीनी के निर्यात की मंजूरी दी जा सकती है जिसका घरेलू बाजार पर कोई असर नहीं पड़ेगा मगर सरकार की सोच इससे अलग हो सकती है। उसे निर्यात का कुछ मनोवैज्ञानिक प्रभाग पड़ने की आशंका रहेगी।
चालू वर्ष के दौरान गन्ना के बिजाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हुई है और प्रमुख उत्पादक इलाकों में अच्छी बारिश होने से फसल की हालत अच्छी है।
इससे 2024-25 के मार्केटिंग सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़ने के आसार हैं लेकिन इस्मा ने आरंभिक चरण में चीनी का उत्पादन करीब 2 प्रतिशत घटने का अनुमान लगाया था। अगले सीजन में स्टॉक पोजीशन मजबूत बनी रहेगी।