iGrain India - इडुक्की । अत्यन्त मूसलाधार वर्षा एवं तेज हवा के साथ मौसम खराब होने से केरल के इडुक्की जिले में हरी इलायची की फसल को काफी नुकसान होने की सूचना मिल रही है जबकि वह इसका सबसे बड़ा उत्पादक क्षेत्र माना जाता है।
उत्पादकों का कहना है कि मौसम की मौजूदा स्थिति के कारण इलायची की फसल पर फंगस रोग का प्रकोप बढ़ गया है जिससे 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन में उपज दर घटने की आशंका है। तेज हवा के कारण इलायची की लताएं नीचे गिर गई हैं।
एक अग्रणी विश्लेषक के अनुसार इलायची की उत्पादकता में गिरावट आने की आशंका बढ़ गई है और अभी फसल के उत्पादन का अनुमान लगाना कठिन है क्योंकि इसकी तुड़ाई-तैयारी शुरू नहीं हुई है। इडुक्की जिले के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र- संतनपारा में फसल की हालत खराब हो गई है।
इससे पूर्व जनवरी से मई 2024 के पांच महीनों तक सूखे का गंभीर संकट रहने से इलायची के बागानों को भारी क्षति हुई थी और खासकर छोटे तथा सीमांत उत्पादकों को बहुत घाटा हो गया क्योंकि उसके पास सिंचाई का कोई साधन नहीं था।
पांच एकड़ से कम बागान वाले ये उत्पादक इलायची के कुल उत्पादन में भारी योगदान देते हैं क्योंकि इनकी संख्या अधिक है।
सूखे के संकट के कारण इन उत्पादकों को नए सिरे से इलायची का बागान लगाने के लिए विवश होना पड़ा और उससे उत्पादन शुरू होने में कम से कम दो वर्ष का समय लग जाएगा।
आमतौर पर इलायची की तुड़ाई-तैयारी का सीजन जून- जुलाई में आरंभ हो जाता है लेकिन इस बार यह अगस्त के अंत या सितम्बर के आरंभ से शुरू होने की संभावना है।
पिछले साल देश में इलायची का अच्छा उत्पादन हुआ था जबकि चालू वर्ष का उत्पादन कमजोर रहने का अनुमान है।
इलायची का बाजार भाव ऊंचा है और केवल यही कारक उत्पादकों के पक्ष में हैं। आगामी समय में भी कीमतों में तेजी-मजबूती का रूख बरकरार रहने की उम्मीद है।
इलायची में त्यौहारी मांग निकलने लगी है। केरल के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में मौसम अब तक पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाया है।