iGrain India - नई दिल्ली । चालू माह के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता एवं गतिशीलता बढ़ने से देश के कई राज्यों में भारी बारिश हो रही है।
मौसम विभाग के अनुसार 1 जून से 7 अगस्त के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर दीर्घकालीन औसत (एपीए) के सापेक्ष 107 प्रतिशत वर्षा हुई जबकि अगस्त के प्रथम सप्ताह में 44 प्रतिशत अधिशेष वर्षा दर्ज की गई।
इसके साथ 7 अगस्त 2024 तक देश के 82 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में मानसून की सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा हो गई। इससे खरीफ फसलों की बिजाई में किसानों को अच्छी सहायता मिल रही है कहीं-कहीं बाढ़ एवं जल भराव की समस्या भी पैदा हो गई है।
मौसम विभाग के अनुसार 1-7 अगस्त के दौरान देश में 92.1 मि०मी० वर्षा रिकॉर्ड की गई जो सामान्य औसत स्तर 63.8 मि०मी० से करीब 44 प्रतिशत अधिक रही।
इस अवधि में देश के पश्चिमोत्तर भाग- पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू कश्मीर में 84.2 मि०ली० वर्षा दर्ज की गई जो 50 मि०मी० के सामान्य औसत से काफी अधिक रही।
इसी तरह देश के पूर्वी एवं पूर्वोत्तर राज्यों में 73.3 मि०मी० के दीर्घकालीन औसत के मुकाबले 119.6 मि०मी० की भारी वर्षा हुई। इस संभाग में पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड तथा पूर्वी क्षेत्र के प्रान्त शामिल हैं।
देश के मध्यवर्ती संभाग में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा एवं गोवा शामिल है। अगस्त के शुरुआती 7 दिनों के दौरान इस संभाग में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा एवं गोवा शामिल है।
अगस्त के शुरुआती 7 दिनों के दौरान इस संभाग में 109.4 मि०मी० वर्षा हुई जो सामान्य औसत बारिश 82.1 मि०मी० से 33 प्रतिशत अधिक रही।
दक्षिण भारत में भी समीक्षाधीन अवधि के दौरान भरपूर बारिश हुई जिसमें केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना जैसे राज्य शामिल हैं।
वहां आरंभिक सात दिनों में 52.3 मि०मी० वर्षा हुई जो सामान्य औसत 46.7 मि०मी० से 12 प्रतिशत अधिक रही।
मानसून बारिश का दौर अभी जारी है और देश के कई राज्यों में मौसम विभाग द्वारा वर्षा का अलग-अलग अलर्ट जारी किया जा रहा है। कुछ इलाकों में अधिशेष एवं बाढ़ से खरीफ फसलों को नुकसान होने की खबर भी आ रही है।