iGrain India - चेन्नई । भारत में म्यांमार से नियमित रूप से भारी मात्रा में उड़द का आयात हो रहा है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों में यानी अप्रैल-जुलाई 2024 के दौरान देश में उड़द का आयात बढ़कर 2,56,317 टन पर पहुंच जाने का अनुमान है जो वर्ष 2023 के इन्हीं महीनों के वास्तविक आयात 1,31,951 टन से 1,24,366 टन अधिक है। इससे पूर्व की समान अवधि में उड़द का आयात वर्ष 2022 में 99,603 टन तथा 2021 में 1,46,596 टन रहा था।
वर्ष 2023 की तुलना में 2024 के दौरान उड़द का आयात अप्रैल में 25,016 टन से बढ़कर 55,436 टन तथा मई में 31,625 टन से उछलकर 77,775 टन पर पहुंच गया।
जून का आयात 40,985 टन से बढ़कर 74,373 टन तथा जुलाई का आयात 34,325 टन से सुधरकर 48,733 टन पर पहुंचने का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2023-24 की पूरी अवधि (अप्रैल-मार्च) के दौरान देश में कुल मिलाकर 6,24,222 टन उड़द का आयात किया गया था जो 2022-23 के आयात 5,24,813 टन तथा 2021-22 के आयात 6,11,611 टन से अधिक रहा।
उससे पूर्व वित्त वर्ष 2020-21 में 3,44,790 टन और वित्त वर्ष 2019-20 में 3,12,078 टन उड़द का आयात किया गया था।
भारत में उड़द का अधिकांश आयात पूर्वोतर पड़ोसी देश- म्यांमार से होता है जबकि थोड़ा बहुत आयात ब्राजील एवं थाईलैंड से भी किया जाता है।
जुलाई 2024 के दौरान भारत में कुल 48,733 टन उड़द का आयात होने का अनुमान है जिसमें म्यांमार से 47,197 टन, ब्राजील से 1386 टन तथा थाईलैंड से 150 टन का आयात शामिल है।
इसमें से चेन्नई बंदरगाह पर 42,399 टन, जेएनपीटी 4209 टन तथा कोलकाता बंदरगाह पर 2125 टन उड़द का आयात किया गया। म्यांमार से उड़द का आयात आगे भी नियमित रूप से जारी रहेगा।
खरीफ कालीन उड़द का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष से कुछ पीछे चल रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2 अगस्त 2024 तक इसका कुल उत्पादन क्षेत्र 25.96 लाख हेक्टेयर पर पहुंच सका जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 26.21 लाख हेक्टेयर से 25 हजार हेक्टेयर कम था।