iGrain India - मुम्बई । मई 2024 में हल्दी का भाव उछलकर शीर्ष स्तर पर पहुंच गया था जिसके मुकाबले दाम अब तक करीब 20 प्रतिशत घट चुका है।
लेकिन त्यौहारी सीजन में इसकी मांग एवं खपत के साथ कीमत भी बढ़ने के आसार हैं क्योंकि व्यापारियों- स्टॉकिस्टों के पास इसका स्टॉक कम बचा हुआ है।
इरोड के एक मशहूर व्यापारी का कहना है कि देश भर में फिलहाल करीब 50 लाख बोरी (55 किलो की प्रत्येक बोरी) हल्दी का स्टॉक बचा हुआ है जबकि इसकी नई फसल आने में अभी छह माह बाकी है।
इसके फलस्वरूप मांग एवं आपूर्ति के समीकरण में जटिलता बनी रहेगी और कीमतों को एक बार फिर ऊपर उठने का अवसर मिल सकता है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार 2024 के अंत तक हल्दी का स्टॉक घटकर काफी नीचे आ जाएगा जिससे उपयोग के सापेक्ष स्टॉक का अनुपात प्रभावित होने की संभावना है।
वर्ष 2023 के अंत में यह अनुपात 10.50 प्रतिशत था जो 2024 की समाप्ति के समय गिरकर 5.80 प्रतिशत रह जाने की उम्मीद है।
एक अग्रणी विश्लेषक के मुताबिक आगे दाम बढ़ने की उम्मीद से उत्पादकों द्वारा हल्दी का स्टॉक दबाकर रखा जा रहा है जिससे मार्केट में इसकी आवक कम हो रही है।
जून-जुलाई में भाव कमजोर रहने से भी उत्पादकों को अपना माल बेचने का प्रोत्साहन नहीं मिला। अब त्यौहारी सीजन में हल्दी की मांग बढ़ने पर कीमतों में सुधार आने के आसार हैं।
वायदा एक्सचेंज में फिलहाल अक्टूबर डिलीवरी के लिए हल्दी का भाव 16,446 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है जबकि निजामाबाद मंडी में इसका हाजिर मूल्य 10,160 रुपए प्रति क्विंटल बताया जा रहा है।
पिछले साल यद्यपि हल्दी के बिजाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हुई थी मगर मौसम की हालत अनुकूल नहीं रहने से इसका उत्पादन कमजोर पड़ गया और इसलिए भाव तेज रहा।
कॉमोडिटी एक्सचेंज में मई 2024 के दौरान हल्दी का वायदा भाव तेजी से उछलकर एक समय 20,430 रुपए प्रति क्विंटल के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था और इस वर्ष इसका वायदा मूल्य करीब 15 प्रतिशत बढ़ा है।
आगामी समय में हल्दी की आवक घटने की संभावना है। जून-अगस्त में मांग कमजोर रहने से हल्दी का भाव स्थिर बना हुआ है लेकिन धारणा अब तेजी की बनी हुई है।