iGrain India - सरकारी स्टॉक की बिक्री में देर होने से गेहूं की कीमतों में तेजी
नई दिल्ली । हालांकि खाद्य मंत्रालय ने जुलाई में ही भारतीय खाद्य निगम को खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं बेचने के लिए हरी झंडी दिखा दी थी और इसका न्यूनतम आरक्षित मूल्य (रिजर्व प्राइस) भी निर्धारित कर दिया था लेकिन खाद्य निगम ने अभी तक साप्ताहिक ई-नीलामी की प्रक्रिया आरंभ नहीं की है। यह प्रक्रिया 1 अगस्त या अगस्त के प्रथम सप्ताह से शुरु हने की उम्मीद की जा रही थी। इससे बाजार भाव स्थिर होने लगा था मगर जब इसकी शुरुआत नहीं हुई तो मंडियों में गेहूं का भाव 3-9 अगस्त वाले सप्ताह में तेज हो गया।
दिल्ली
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का भाव 60 रुपए बढ़कर 2760/2770 रुपए प्रति क्विंटल तथा इंदौर में एमपी के गेहूं का दाम 200 रुपए उछलकर 2650/3200 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। देवास में भी 200 रुपए की वृद्धि हुई जबकि गुजरात के राजकोट में कीमत 50 रुपए सुधर गई। मध्य प्रदेश के खंडवा एवं भोपाल में गेहूं का दाम 20 रुपए और 30 रुपए तेज रहा जबकि इटारसी में 150 रुपए बढ़कर 2625/2750 रुपए हो गया।
राजस्थान
राजस्थान की कोटा मंडी में गेहूं का दाम 25 रुपए नरम रहा जबकि बारां में 35 रुपए एवं बूंदी में 75 रुपए की तेजी देखी गई। उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी गेहूं के दाम में 25 से 86 रुपए प्रति क्विंटल तक की बढ़ोत्तरी हुई।
आवक
सभी प्रमुख मंडियों में गेहूं की सीमित आवक हो रही है जबकि इस पर भंडारण सीमा भी लागू है। मिलर्स / प्रोसेसर्स गेहूं की खरीद के लिए मुख्यत: मंडियों पर आश्रित हैं।
रिजर्व मूल्य
सरकार न गेहूं का रिजर्व मूल्य एफएक्यू श्रेणी के लिए 2325 रुपए प्रति क्विंटल तथा यूआरएस किस्म के लिए 2300 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया है जबकि इस पर अलग से किराया भाड़ा भी जोड़ा जाएगा। इसके बावजूद बिक्री की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं होने से बाजार में तेजी का माहौल बना हुआ है।
मांग / खपत
त्यौहारी सीजन में गेहूं के उत्पादों की मांग एवं खपत बढ़ जाती है इसलिए मिलर्स इसका स्टॉक बनाना चाहते हैं मगर उन्हें तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए भी पर्याप्त गेहूं नहीं मिल रहा है।