iGrain India - कांडला । कस्टम विभाग के अधिकारियों ने गुजरात के कांडला बंदरगाह से शिपमेंट होने वाले आर्गेनिक चावल की खेपों के दो जहाजों को रोक दिया है।
जानकार सूत्रों के अनुसार केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधीनस्थ निकाय- कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने सीमा शुल्क (कस्टम) विभाग के अधिकारियों से कहा है कि आर्गेनिक चावल के सभी कंटेनरों को जांच-पड़ताल के लिए रोका जाए।
एपीडा को शिकायत मिल रही थी कि अक्टूबर 2023 से ही आर्गेनिक चावल के नाम पर सफेद (कच्चा) एवं सेला गैर बासमती चावल का धड़ल्ले से निर्यात किया जा रहा है।
चालू वित्त वर्ष के शुरूआती चार महीनों में यानी अप्रैल-जुलाई 2024 के दौरान देश से आर्गेनिक चावल का निर्यात बढ़कर 1,46,585 टन पर पहुंच गया जो वित्त वर्ष 2023-24 की सम्पूर्ण अवधि (अप्रैल-मार्च) के दौरान हुए कुल शिपमेंट 1,07,727 टन से भी ज्यादा रहा। इससे सीमा शुल्क विभाग को भी संदेह हो गया।
उल्लेखनीय है कि देश से गैर बासमती सफेद चावल के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है जबकि सेला चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लागू है।
कुछ खेपों का निर्यात तो आर्गेनिक सेला चावल के रूप में भी किया गया। आर्गेनिक उत्पादों के निर्यात के लिए एपीडा ही नोडल एजेंसी है।
उसने सिक्किम स्थित एक प्रमाण पत्र जारी करने वाली संस्था से संवेदनशील उत्पादों जैसे- ऑर्गेनिक कॉटन एवं सोयाबीन आदि के लिए प्रमाण पत्र जारी करना बंद करने के लिए कहा है। समझा जाता है कि यह संस्था एक हजार से अधिक निर्यातकों के लिए प्रमाण पत्र जारी करती है।