iGrain India - कोलकाता । पश्चिम बंगाल में इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून की अच्छी बारिश होने से किसानों द्वारा धान का उत्पादन क्षेत्र बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है और इसमें उसे अच्छी सफलता भी हासिल हो रही है।
पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान बंगाल में धान का रकबा करीब 9 प्रतिशत आगे चल रहा है और नियत लक्ष्य के काफी करीब पहुंच गया है। गत वर्ष राज्य के कुछ जिलों में मानसून की बारिश कम हुई थी।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चालू खरीफ सीजन में पिछले सप्ताह तक राज्य में धान का उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 40.15 लाख हेक्टेयर हो गया जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 36.90 लाख हेक्टेयर तक ही पहुंचा था।
राज्य कृषि विभाग ने इस बार धान के उत्पादन क्षेत्र का लक्ष्य 41.82 लाख हेक्टेयर निर्धारित किया है और उसे यह लक्ष्य आसानी से हासिल हो जाने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि देश के अन्य भागों की तुलना में पूर्वी राज्यों तथा दक्षिणी भारत में धान की खेती देर तक चलती है। पूर्वी भारत में ही बंगाल, बिहार, झारखंड, आसाम एवं उड़ीसा जैसे राज्य शामिल हैं।
पश्चिम बंगाल देश में धान-चावल के शीर्ष उत्पादक राज्यों में शामिल है। वहां इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन के शुरूआती दौर में बारिश कम हुई थी मगर बाद में इसकी तीव्रता बढ़ गई।
इसके फलस्वरूप वर्तमान (पूर्वी एवं पश्चिमी), मेदिनीपुर (पूर्वी एवं पश्चिमी), दिनाजपुर, पुरुलिया तथा 24 सरगना सहित अन्य प्रमुख जिलों में किसानों को धान की रोपाई की गति बढ़ाने का अवसर मिल गया। बंगाल में धान की रोपाई अब अंतिम चरण में पहुंच गई है।