iGrain India - नई दिल्ली । आमतौर पर अक्टूबर माह से गन्ना की क्रशिंग एवं चीनी के उत्पादन का नया मार्केटिंग सीजन आरंभ होता है और महाराष्ट्र में तो अक्सर दीपावली पर्व के आसपास इसकी प्रक्रिया शुरू होती है।
दक्षिण राज्य- कर्नाटक तथा तमिलनाडु में गन्ना की क्रशिंग कुछ पहले शुरू हो जाती है। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि गन्ना का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 57.11 लाख हेक्टेयर से 57 हजार हेक्टेयर बढ़कर इस बार 57.68 लाख हेक्टेयर के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया है
मगर प्रमुख उद्योग संस्था- इंडियन शुगर एंड बायो- एनर्जी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (इस्मा) ने सेटेलाइट तस्वीर के आधार पर कहा है कि गन्ना का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष से कुछ पीछे रह गया है।
स्वदेशी उद्योग के पास अभी चीनी का पर्याप्त अधिशेष स्टॉक बचा हुआ है जबकि नया उत्पादन सीजन शुरू होने में अब ज्यादा समय नहीं बचा है।
निर्यात बंद होने से मिलर्स के पास चीनी के स्टॉक में बढ़ोत्तरी हुई है। सरकार घरेलू प्रभाग में इस मीठी वस्तु की पर्याप्त आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दे रही है इसलिए उद्योग के लाख आग्रह के बावजूद उसने निर्यात का द्वार खोलने से इंकार कर दिया।
देश में और खासकर उत्तरी भारत में औपचारिक रूप से त्यौहारी सीजन का आगाज हो चुका है जो कमोबेश मध्य नवम्बर तक जारी रहेगा।
अभी-अभी रक्षा बंधन एवं जन्माष्टमी का त्योहार बीता है जबकि अगले महीनों में गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, दशहरा, दीपावली एवं भैया दूज सहित कई त्यौहार मनाए जाएंगे। त्यौहारी सीजन में अक्सर चीनी की मांग एवं खपत बढ़ जाती है।
इस बार भी मांग बढ़ने के आसार हैं लेकिन कीमतों में भारी तेजी आने में संदेह है क्योंकि सरकार चीनी के दाम को नियंत्रित रखने के लिए आवश्यक कदम उठा सकती है।
चालू सप्ताह के दौरान सितम्बर माह के लिए चीनी का फ्री सेल (NS:SAIL) कोटा घोषित होने वाला है। यदि कोटा 24-25 लाख टन नियत हुआ तो बाजार में स्थिरता रह सकती है।