iGrain India - नई फसल की आवक जोर पकड़ने से सोयाबीन की कीमतों पर दबाव नई दिल्ली । मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र जैसे शीर्ष उत्पादक राज्यों में सोयाबीन के नए माल की आवक बढ़ने लगी है मगर अभी उसमें नमी का अंश ऊंचा देखा जा रहा है इसलिए कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। सितम्बर में सोया तेल सहित खाद्य तेलों का कुल आयात घटने की खबर है। खाद्य तेलों में त्यौहारी मांग भी निकल रही है। सरकार ने मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र के साथ-साथ कर्नाटक एवं तेलंगाना में भी किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदने की घोषणा की है। इस बार समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित हुआ है। कुछ दिन पूर्व बाजार भाव बढ़कर समर्थन मूल्य के करीब पहुंच गया था मगर 27 सितम्बर से 3 अक्टूबर वाले सप्ताह में यह घटकर 100-200 रुपए घटकर पुनः नीचे आ गया। प्लांट डिलीवरी भाव समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सोयाबीन का प्लांट डिलीवरी भाव मध्य प्रदेश में 4700/4800 रुपए प्रति क्विंटल, महाराष्ट्र में 4650/4750 रुपए प्रति क्विंटल तथा राजस्थान में 4675 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया। समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद शुरू होने के बाद बाजार कुछ तेज हो सकता है। आवक सोयाबीन की कुल आवक 27 सितम्बर को 2.25 लाख बोरी थी जो 30 सितम्बर को बढ़कर 2.70 लाख बोरी हो गई। 1 अक्टूबर को 2.60 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 100 किलो) की आवक हुई। मध्य प्रदेश में 50 से 70 हजार बोरी नए सोयाबीन की औसत दैनिक आवक हो रही है जबकि महाराष्ट्र में 40 हजार बोरी नया माल आ रहा है। सोया तेल (रिफाइंड)समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सोयाबीन के भाव में गिरावट आने से सोयाबीन रिफाइंड तेल का दाम भी कुछ नरम पड़ गया। लेकिन फिर भी यह 120 रुपए प्रति किलो से ऊंचा ही रहा। दूसरी ओर इसका मूल्य कोटा में 40 रुपए, मुम्बई में 70 रुपए तथा कांडला में 10 रुपए की वृद्धि के साथ क्रमश: 1275 रुपए, 1320 रुपए एवं 1245 रुपए प्रति 10 किलो पर पहुंचा जबकि हल्दिया में 25 रुपए गिरकर 1225 रुपए प्रति 10 किलो रह गया। सोया डीओसीसोया डीओसी के मूल्य में भी 500 से 1000 रुपए प्रति टन तक की गिरावट दर्ज की गई। पहले सोयाबीन का भाव तेज होने से सोया मील की कीमत भी ऊंची हो गई थी।