iGrain India - शंघाई । सोयाबीन के सबसे प्रमुख आयातक देश- चीन में वनस्पति तेलों का कम आयात होने से बकाया अधिशेष स्टॉक घट गया है।
पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष सितम्बर में वहां वनस्पति तेल के आयात में 31 प्रतिशत की जोरदार गिरावट दर्ज की गई और इसकी मात्रा घटकर 6.27 लाख टन पर अटक गई।
इसके फलस्वरूप अगस्त की तुलना में सितम्बर की समाप्ति पर पाम तेल का स्टॉक 15 प्रतिशत घट गया। रेपसीड तेल के स्टॉक में भी कमी आई मगर सोया तेल का स्टॉक कुछ बढ़ गया।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चीन में अगस्त 2024 के अंत में 5.41 लाख टन पाम तेल, 10.23 लाख टन सोयाबीन तेल एवं 4.22 लाख टन रेपसीड-कैनोला तेल सहित कुल 19.86 लाख टन खाद्य तेल का अधिशेष स्टॉक मौजूद था जो सितम्बर की समाप्ति पर घटकर 19.26 लाख टन रह गया।
सितम्बर के स्टॉक में 4.62 लाख टन पाम तेल, 10.59 लाख टन सोयाबीन तेल एवं 4.05 लाख टन रेपसीड-कैनोला तेल की मात्रा शामिल थी।
इससे पूर्व वहां जुलाई के अंत में 4.41 लाख टन पाम तेल, 11.01 लाख टन सोयाबीन तेल और 4.29 लाख टन रेपसीड-कैनोला तेल सहित कुल 18.81 लाख टन खाद्य तेल का स्टॉक बचा हुआ था।
चीन में मुख्यत: इंडोनेशिया एवं मलेशिया से पाम तेल, अमरीका, अर्जेन्टीना एवं ब्राजील से सोयाबीन तेल तथा कनाडा एवं यूरपीय संघ से कैनोला-रेपसीड तेल का आयात किया जाता है। इसके अलावा वहां सूरजमुखी तेल एवं मूंगफली तेल का भी आयात होता है।
एक रूप में भारत के बाद चीन खाद्य तेलों का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश है। खाद्य तेलों के अलावा वहां साबुत तिलहनों का भी विशाल आयात होता है जिसमें सोयाबीन सबसे प्रमुख है।
इसका आयात मुख्यत: ब्राजील एवं अमरीका से किया जाता है। चीन में कनाडा से भारी मात्रा में कैनोला (सरसों की एक उच्च प्रजाति) का भी आयात होता है मगर अभी वहां इसकी एंटी-डम्पिंग जांच चल रही है।