iGrain India - मास्को । प्रमुख उत्पादक इलाकों में मौसम की हालत प्रतिकूल होने से रूस में चालू वर्ष के दौरान गेहूं का उत्पादन घटकर 815 लाख टन रह जाने की संभावना है जबकि अगले साल यह और भी गिरकर 801 लाख टन पर सिमटने का अनुमान है जो पंचवर्षीय औसत उत्पादन 881 लाख टन से 80 लाख टन कम है।
इसके फलस्वरूप वहां गेहूं के निर्यात योग्य अधिशेष स्टॉक में कमी आएगी और शिपमेंट घट सकता है। रूस दुनिया में गेहूं का सबसे प्रमुख निर्यातक एवं तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
एक अग्रणी विश्लेषक फर्म के अनुसार 2024-25 सीजन के दौरान रूस में गेहूं का कुल बिजाई क्षेत्र 700 लाख एकड़ के आसपास रहने की संभावना है जो 2023-24 सीजन के लगभग बराबर ही है।
इसके तहत शीत कालीन गेहूं का क्षेत्रफल घटने तथा बसंतकालीन गेहूं का रकबा बढ़ने का अनुमान है। दरअसल देश के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना हुआ है और लम्बे समय से अच्छी बारिश नहीं होने के कारण शीतकालीन गेहूं की बिजाई प्रभावित होने की आशंका है।
प्रतिकूल मौसम के कारण कई क्षेत्रों में गेहूं की फसल शीतकाल के दौरान सबसे खराब स्थिति में प्रवेश कर सकती है। इससे वर्ष 2025 में वहां शीतकालीन गेहूं की उपज दर सामान्य औसत से नीचे रहने की संभावना है।
विश्लेषक फर्म ने अगले साल इस गेहूं की उपज दर 51 बुशेल प्रति एकड़ रहने का अनुमान लगाया है जो वर्ष 2019 के बाद सबसे कम है।
2025-26 के मार्केटिंग सीजन (जुलाई-जून) के दौरान रूस से गेहूं का निर्यात घटकर 400 लाख टन से नीचे रहने की संभावना है जो 2024-25 सीजन के अनुमानित निर्यात 459 लाख टन से काफी कम है। इसी तरह यूक्रेन में भी गेहूं का उत्पादन 218 लाख टन से घटकर 211 लाख टन पर सिमटने का अनुमान लगाया गया है।