iGrain India - फ्लोर मिलर्स की मजबूत मांग से गेहूं के दाम में बढ़ोत्तरीनई दिल्ली । प्रमुख मंडियों में माल की सीमित आपूर्ति होने, सरकार द्वारा बाजार में अपना स्टॉक उतारने से इंकार करने तथा फ्लोर मिलर्स एवं प्रोसेसर्स की मांग मजबूत रहने से 19-25 अक्टूबर वाले सप्ताह के दौरान गेहूं का भाव आमतौर पर 150 रुपए तक बढ़ गया। दिल्ली हालांकि दिल्ली में ऊंचे दाम पर यूपी / राजस्थान के गेहूं की कम खरीद होने से इसका भाव 20 रुपए फिसलकर 3070/3080 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया मगर कई अन्य मंडियों में स्थानीय उत्पाद का भाव बढ़ गया। गेहूं का मूल्य गुजरात के राजकोट में 50 रुपए बढ़ा जबकि मध्य प्रदेश के डबरा में 130 रुपए तथा खंडवा में 150 रुपए प्रति क्विंटल तेज रहा। वैसे देवास मंडी में यह 200 रुपए लुढ़ककर 2750/3300 रुपए प्रति क्विंटल पर गया। उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान की मंडियों में उतार-चढ़ाव रहा।आवक प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण मंडियों में गेहूं की सीमित आवक हो रही है और ऐसा प्रतीत होता है कि इसकी आपूर्ति का ऑफ या लीन सीजन आरंभ हो गया है। इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित हुआ है जबकि तमाम मंडियों में भाव इससे काफी ऊपर चल रहा है। इसे देखते हुए सरकार ने भी भारत ब्रांड के आटा का दाम 27.50 रुपए से बढ़ाकर 30 रुपए प्रति किलो निर्धारित कर दिया है। स्टॉक केन्द्रीय पूल में गेहूं का सीमित स्टॉक मौजूद है इसलिए सरकार काफी सोच-समझकर इसका इस्तेमाल करना चाहती है। उसके राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत उन राज्यों में आवंटन के लिए 35 लाख टन गेहूं का स्टॉक नियत किया है जहां डेढ़-दो वर्ष पूर्व इसे बंद कर दिया गया था। सरकार का मानना है कि गेहूं का मंडी भाव अभी सामान्य स्तर पर है। अगले सीजन के लिए इसका समर्थन मूल्य 150 रुपए बढ़ाकर 2425 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।