iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य मंत्री ने आश्वासन दिया है कि पंजाब में किसानों से धान के प्रत्येक दाने की खरीद सुनिश्चित की जाएगी। उनका कहना था कि कहीं कोई संकट या समस्या नहीं है और केवल कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा इसमें बाधा उत्पन्न की जा रही है। पंजाब केन्द्रीय पूल का खाद्यान्न का सर्वाधिक योगदान देने वाला राज्य है।
वर्तमान खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान पंजाब में चावल (धान) की खरीद गत वर्ष से काफी पीछे चल रही है। इस सम्बन्ध में खाद्य मंत्री ने इस बार राज्य में धान से चावल की औसत रिकवरी दर में कमी आने की शिकायत मिल रही है और आई आई टी खड़गपुर को इसके कारणों का पता लगाने का दायित्व सौंपा गया है।
इसके तहत खासकर पी आर 126 किस्म के धान से कम चावल बनने की सूचना है जबकि यह बोई गई किस्म नहीं है। पंजाब में वर्ष 2016 से ही इस धान की खेती हो रही है। अचानक यह मामला उत्पन्न होना हैरानी की बात है।
हालांकि केन्द्र सरकार ने धान से चावल की औसत रिकवरी दर 67 प्रतिशत निर्धारित कर रखा है जबकि पंजाब के मिलर्स इसको संशोधित करके 62-63 प्रतिशत नियत करने की मांग कर रहे हैं।
उसका दावा है कि पी आर 126 किस्म के धान से चावल की रिकवरी कम हो रही है। मिलर्स की इस मांग के बारे में खाद्य मंत्री का कहना था कि समूचे देश के लिए केन्द्र सरकार का एक समान मानक होता है और अकेले पंजाब के लिए कोई विशेष पक्षपात नहीं किया जाएगा। उन्होंने तब तक पंजाब को कोई अस्थायी राहत देने से इंकार कर दिया जब तक इसकी सही रिपोर्ट सामने नहीं आ जाती।
खाद्य मंत्री के अनुसार पी आर 126 किस्म के बजाए कुछ इलाकों में अन्य संवर्ग के हाइब्रिड धान की खेती होने की खबर सामने आई है जो कम अवधि में पक कर तैयार होने के कारण लोकप्रिय हो रहा है और उसमें पानी की खपत भी कम होती है।
केन्द्र सरकार ने इस वर्ष पंजाब में 124 लाख टन चावल खरीदने का लक्ष्य रखा है और उसे यह लक्ष्य हासिल हो जाने की उम्मीद है। राज्य में 2700 क्रय केन्द्रों पर 30 नवम्बर तक धान की सरकारी खरीद की जाएगी।