iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने देश भर की सभी चीनी मिलों को अपने कुल उत्पादन के कम से कम 20 प्रतिशत भाग की पैकिंग जूट (गन्नी) बोरियों में अनिवार्य रूप से करने का निर्देश दिया है। केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय इस आशय का आदेश पहले ही जारी कर चुका है।
सरकार ने कहा है कि इस निर्देश का पालन नहीं करने वाली चीनी मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। लेकिन इस बात का स्पष्ट खुलासा नहीं किया गया है कि दोषी चीनी मिलों के विरुद्ध किस तरह की कार्रवाई की जाएगी क्योंकि चीनी की पैकिंग के लिए जूट बोरियों की पर्याप्त उपलब्ध भी एक मुद्दा है।
केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय द्वारा सभी चीनी मिलों को भेजे गए एक पत्र में कहा गया है कि एतद द्वारा चीनी निर्माण इकाइयों को निर्देश दिया जाता है कि वे 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन में उत्पादित चीनी के 20 प्रतिशत भाग की पैकिंग के लिए जूट बोरियों की खरीद का आर्डर दे
और केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय द्वारा 1 अक्टूबर 2024 को जूट बोरियों में अनिवार्य पैकिंग के लिए जारी आदेश का पूरी तरह पालन सुनिश्चित करें। पत्र में यह भी कहा गया है कि सभी चीनी मिलों को अक्टूबर 2024 से आगे उनके द्वारा दाखिल की जाने वाली मासिक रिटर्न में (पेज-2 शीट में) जूट पैकेजिंग की समस्त सूचना शामिल करनी होगी।
इस तथ्य के महत्व का उल्लेख करते हुए खाद्य मंत्रालय ने कहा है कि कपड़ा मंत्रालय का नवीनतम आदेश 26 सितम्बर को कर्नाटक उच्च न्यायालय की एक खंड पीठ द्वारा दी गई व्यवस्था के बाद जारी किया गया।
इस अदालत की एक पीठ ने 5 सितम्बर को एक आंतरिक आदेश जारी करते हुए 28 जून को केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय द्वारा जारी उस अधिसूचना पर 'स्टे' लगा दिया था जिसमें जूट बोरियों में 20 प्रतिशत चीनी की अनिवार्य पैकिंग का आदेश दिया गया था।
लेकिन 26 सितम्बर को उच्च न्यायालय की खंड पीठ ने एकल जज द्वारा लगाए गए 'स्टे' को दर किनार करते हुए कपड़ा मंत्रालय की अधिसूचना को प्रभावी बना दिया।
इसके बाद मंत्रालय ने पुनः 1 अक्टूबर को नया आदेश जारी किया और उसके आधार पर अब खाद्य मंत्रालय ने सभी चीनी मिलों को उस आदेश का पूरी तरह पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।