iGrain India - मुम्बई । हालांकि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने सोयाबीन का घरेलू उत्पादन 2023-24 सीजन के 130 लाख टन से बढ़कर 2024-25 के मौजूदा सीजन में 133 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया है लेकिन अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) ने भारतीय सोयामील के उत्पादन एवं निर्यात में काफी गिरावट आने की संभावना व्यक्त की है।
उस्डा की नवम्बर रिपोर्ट के अनुसार भारत में सोया डीओसी का पिछला बकाया स्टॉक 2023-24 सीजन के 2.00 लाख टन से बढ़कर 2024-25 के सीजन में 2.40 लाख टन पर पहुंचने की संभावना है मगर इसका घरेलू उत्पादन 90.40 लाख टन से घटकर 88 लाख टन पर सिमटने का अनुमान है। जहां तक आयात का सवाल है तो यह 50 हजार टन के स्तर पर ही स्थिर रह सकता है मगर निर्यात में भारी गिरावट आ सकती है।
उस्डा के मुताबिक 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के दौरान भारत से सोयामील का निर्यात बढ़कर 19 लाख टन की ऊंचाई पर पहुंचने का अनुमान है जबकि 2024-25 के सीजन में यह 6 लाख टन घटकर 13 लाख टन पर सिमट सकता है। सोयाबीन एवं सोयामील के उत्पादन का नया मार्केटिंग सीजन पहले ही आरंभ हो चुका है।
अमरीकी कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 2023-24 सीजन के दौरान भारत में करीब 71.50 लाख टन सोयामील की खपत हुई जबकि 2024-25 में इसकी मात्रा 4 लाख टन की बढ़ोत्तरी के साथ 75.50 लाख टन पर पहुंचने की उम्मीद है।
इसमें खाद्य एवं औद्योगिक उद्देश्य- दोनों के लिए खपत शामिल है। सोयामील का अंतिम बकाया स्टॉक 2024-25 के सीजन में भी 2.40 लाख टन रहा सकता है जो 2023-24 सीजन के बराबर ही है।
घरेलू प्रभाग में सोयाबीन का भाव नरम रहने से भारतीय सोयामील का निर्यात ऑफर मूल्य पिछले कुछ महीनों से दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए आकर्षक या प्रतिस्पर्धी बना हुआ है इसलिए इसके शिपमेंट का प्रदर्शन संतोषजनक है। सरकारी एजेंसियों ने किसानों से प्रमुख उत्पादक राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सोयाबीन खरीदना शुरू कर दिया है।
इसके फलस्वरूप यदि सोयाबीन का भाव तेज होता है तो सोयामील के लागत खर्च में बढ़ोत्तरी हो जाएगी और तब इसका निर्यात ऑफर मूल्य कुछ ऊंचा हो सकता है।