iGrain India - सरकारी खरीद के बावजूद सोयाबीन बाजार में नरमी का दौर जारी नई दिल्ली । केन्द्र सरकार की अधीनस्थ एजेंसियों द्वारा 4892 रुपए प्रति क्विंटल के घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीद आरंभ कर दी गई है लेकिन बाजार भाव पर इसका कोई सकारात्मक असर नहीं देखा जा रहा है। सोयाबीन की कीमतों में 8-14 नवम्बर वाले सप्ताह के दौरान भी नरमी का सिलसिला कायम रहा। तीनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान में सोयाबीन का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 6000 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित करने का वादा किया है और कृषि मंत्रालय ने 15 प्रतिशत नमी वाले सोयाबीन की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है जिससे इसके मंडी भाव में सुधार आने के आसार हैं। सोयाबीन का भाव ऊंचा उठाने के उद्देश्य से ही सरकार खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की थी मगर उसका अब तक कोई असर नहीं पड़ा है। प्लांट भाव समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी मूल्य में 100-200 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई और यह लुढ़ककर 4200/4400 रुपए प्रति क्विंटल के बीच आ गया। इससे किसानों में भारी असंतोष है। सरकारी खरीद की गति बहुत धीमी है जबकि मंडियों में भारी मात्रा में इसकी आवक हो रही है। सोया तेल (रिफाइंड)सोया रिफाइंड तेल तथा सोयामील के दाम पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है। सोयामील की घरेलू एवं निर्यात मांग सामान्य है लेकिन नीचे दाम पर इसमें बढ़ोत्तरी हो सकती है। सोयामील का निरयत प्रदर्शन इस वर्ष बेहतर रहा है लेकिन सोयाबीन की कीमतों में तेजी का माहौल बनना अभी बाकी है। आवक सोयाबीन की औसत दैनिक आवक 6.85 से 8.50 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 100 किलो की) के बीच हो रही है जबकि व्यापारियों एवं क्रशर्स-प्रोसेसर्स द्वारा सीमित मात्रा में इसकी खरीद की जा रही है।