iGrain India - नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्तर पर मानसून की वर्षा दीर्घकालीन औसत से आगे निकल गई है। देश के विभिन्न राज्यों में अच्छी बारिश हो रही है और अगले कुछ दिनों तक इसका दौर जारी रहने की संभावना है।
लेकिन कुछ राज्यों में बाढ़-वर्षा एवं खेपों में जल जमाव के कारण खरीफ कालीन फसलों की बिजाई एवं प्रगति प्रभावित हो रही है जिससे किसानों एवं सरकार की चिंता बढ़ती जा रही है।
हालांकि खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र पिछले साल से आगे निकल गया है लेकिन कई इलाकों में इसके बर्बाद होने की आशंका है जिससे वहां दोबारा बिजाई की आवश्यकता पड़ सकती है।
धान, अरहर, सोयाबीन एवं ग्वार तथा मक्का एवं कपास जैसी फसलों बिजाई अगस्त में जारी रहती है इसलिए इसके उत्पादन क्षेत्र में सुधार आने की गुंजाइश है लेकिन मूंग, ज्वार एवं गन्ना की खेती का सीजन लगभग समाप्त हो चुका है इसलिए अगर इसकी फसल को नुकसान होता है तो कठिनाई बढ़ जाएगी।
अच्छी खबर यह है कि महाराष्ट्र के अरहर उत्पादक क्षेत्र में अच्छी बारिश होने लगी है जिससे वहां इस महत्वपूर्ण दलहन के रकबे में कुछ सुधार आने के आसार हैं। लेकिन कर्नाटक में स्थित उत्सावर्धक तो दूर, संतोषजनक भी नहीं है।
इसके सीमित इलाकों में ही भारी बारिश हुई है। गुजरात और राजस्थान के साथ-साथ अब मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में अच्छी वर्षा होने से खेतों में पानी जमा होने लगा है जो धान को छोड़कर अन्य फसलों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन-चार दिनों तक पश्चिमी राज्यों में वर्षा का दौर जारी रह सकता है। कुछ अन्य प्रांतों में भी बारिश होने की संभावना है। खरीफ फसलों की जोरदार बिजाई अभी जारी है।