iGrain India - कीव । रूस द्वारा काला सागर क्षेत्र के बंदरगाहों से अनाज निर्यात रोके जाने से अनेक देशों को भारी कठिनाई होने की आशंका है। दरअसल रूस ने न केवल अनाज निर्यात नौवहन संधि को भंग कर दिया है बल्कि यूक्रेन के प्रमुख बंदरगाहों पर मिसाइल एवं ड्रोन से हमला करके उसे बुरी तरह क्षतिग्रस्त भी कर दिया है ताकि भविष्य में यदि करार को बहाल करने की जरूरत पड़े तो भी यूक्रेन को जल्दी इन बंदरगाहों से शिपमेंट शुरू करने में सफलता न मिल सके।
काला सागर के साथ-साथ डेन्यूब नदी पर भी यूक्रेन के कुछ बंदरगाह हैं जिसे रूस ने अब निशाना बनाना शुरू कर दिया है। वहां न केवल बुनियादि ढांचागत सुविधाओं को नष्ट भ्रष्ट किया जा रहा है बल्कि अनाज भंडारण केन्द्रों को भी बर्बाद करने का प्रयास हो रहा है।
समझा जाता है कि मिसाइल एवं ड्रोन से हमले में वहां 60 हजार टन अनाज के भंडारण की सुविधा वाले एक वेयर हाउस को जबरदस्त नुकसान हुआ है।
भारत में सूरजमुखी तेल का सर्वाधिक आयात यूक्रेन से ही होता रहा है लेकिन अब वहां से इसका शिपमेंट बंद हो गया है। जुलाई में भारत ने इसका भारी आयात किया इसलिए फिलहाल बाजार शांत रह सकता है लेकिन यदि यूक्रेन से शिपमेंट जल्दी शुरू नहीं हुआ तो आगामी महीनों में इसका दाम उछल सकता है।
पिछले साल भी ऐसा ही हुआ था। इसके पीछे-पीछे सोयाबीन तेल और पाम तेल की कीमतों में भी तेजी आ सकती है। यूक्रेन से मक्का, गेहूं एवं जौ के साथ-साथ रेपसीड का निर्यात भी बड़े पैमाने पर होता है। यदि शिपमेंट रुका तो यूरोपीय संघ के देशों का संकट भी बढ़ जाएगा जहां पिछले एक साल के दौरान यूक्रेन से भारी मात्रा में इसका आयात हुआ था।