iGrain India - हैदराबाद । दक्षिण भारत के एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक राज्य- तेलंगाना में दक्षिण-पश्चिम मानसून अब जोर पकड़ने लगा है जिससे खरीफ फसलों की गति बढ़ गई है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चालू वर्ष के दौरान 25 जुलाई तक राज्य में खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 68.80 लाख हेक्टेयर से कुछ ऊपर रहा जो गत वर्ष की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 68.91 लाख हेक्टेयर से महज 10-11 हजार हेक्टेयर कम है। वहां खरीफ फसलों की बिजाई अभी जारी है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में इस बार तेलंगाना में धान का उत्पादन क्षेत्र 11.11 लाख हेक्टेयर से उछलकर 15.64 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा मगर मोटे अनाजों का रकबा 4.01 लाख हेक्टेयर से गिरकर 3.78 लाख हेक्टेयर रह गया। इसके तहत मक्का का क्षेत्रफल 3.75 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 3.62 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया।
दलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र भी 5.52 लाख हेक्टेयर से घटकर 4.40 लाख हेक्टेयर रह गया। इसके तहत अरहर (तुवर) का बिजाई क्षेत्र 4.70 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 3.82 लाख हेक्टेयर, मूंग का क्षेत्रफल 56 लाख हेक्टेयर से घटकर 42 हजार हेक्टेयर तथा उड़द का रकबा 26 हजार हेक्टेयर से गिरकर 15 हजार हेक्टेयर रह गया।
दूसरी ओर तिलहन की कुल बिजाई 3.50 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 4.19 लाख हेक्टेयर पर पहुंची। इसके तहत खासकर सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र 3.44 लाख हेक्टेयर से उछलकर 4.14 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। इसके अलावा वहां मूंगफली, अरंडी एवं तिल की खेती भी सीमित क्षेत्रफल में हुई है। जिसका रकबा गत वर्ष से पीछे चल रहा है।
कपास का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 44.54 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 40.73 लाख हेक्टेयर तथा गन्ना का क्षेत्रफल 22 हजार हेक्टेयर से लुढ़ककर 5 हजार हेक्टेयर रह गया है। धान का क्षेत्रफल आगे और बढ़ने की संभावना है।