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मांगों को लेकर किसानों का 'हल्ला बोल', कलेक्ट्रेट का किया घेराव, अनिश्चितकालीन धरना शुरू 

प्रकाशित 14/10/2024, 10:57 pm
मांगों को लेकर किसानों का \'हल्ला बोल\', कलेक्ट्रेट का किया घेराव, अनिश्चितकालीन धरना शुरू 

ग्रेटर नोएडा, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर कलेक्ट्रेट में सोमवार को किसानों ने अपनी मांगों को लेकर हल्ला बोल कर दिया। सैकड़ों की संख्या में किसान सूरजपुर स्थित कलेक्ट्रेट पहुंचे और उन्होंने डीएम कार्यालय के गेट के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। किसानों का यह धरना प्रदर्शन अनिश्चितकालीन है।इससे पहले फरवरी में भी किसानों ने दिल्ली कूच किया था। जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने एक हाई पावर कमेटी का गठन कर उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। किसान अब इस बात से नाराज हैं कि हाई पावर कमेटी द्वारा उनकी समस्याओं के लिए जो निराकरण का रास्ता निकाला गया था, वह सार्वजनिक किया जाना चाहिए। जो अब तक नहीं किया गया है और न ही किसानों की कोई भी मांग अब तक पूरी हुई है।

दरअसल, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में किसानों के अलग-अलग संगठन अपनी मांगों को लेकर कई सालों से धरना-प्रदर्शन करते आ रहे हैं। उनकी मांगों को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक हाई पावर कमेटी का गठन किया है। कमेटी किसानों की समस्याओं को सुनकर उन पर शासन को रिपोर्ट भेजेगी और समस्याओं के निराकरण का रास्ता भी निकालेगी।

21 फरवरी 2024 को रेवेन्यू बोर्ड के अध्यक्ष की अध्यक्षता में कमेटी का गठन हुआ था। इसके बाद मई महीने में ग्रेटर नोएडा में कमेटी के साथ किसान संगठनों की बैठक हुई है। बैठक करीब 2 घंटे से ज्यादा चली थी। इस बैठक में कमेटी में रेवेन्यू बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रजनीश दुबे, मेरठ मंडलायुक्त शैलजा कुमारी, गौतमबुद्ध नगर डीएम मनीष वर्मा, तीनों अथॉरिटी के सीईओ और एसीईओ मौजूद रहे थे।

किसानों की मांग है कि उसके बाद से अब तक कोई भी सुझाव या प्रस्ताव किसानों तक हाई पावर कमेटी की तरफ से नहीं भेजा गया है और ना ही उनकी किसी समस्या का कोई भी निराकरण करने का समाधान निकाला गया है।

गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान परिषद, अखिल भारतीय किसान सभा व जय जवान जय किसान संगठन ने संयुक्त रूप से 8 फरवरी 2024 को दिल्ली कूच किया था। जिसके बाद उन्हें दिल्ली बॉर्डर पर रोका गया था और हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था।

किसानों की मांगों में 10 प्रतिशत प्लॉट, 64.7 प्रतिशत मुआवजा 1997 से सभी को दिया जाए, आबादी का संपूर्ण निदान, मूल 5 प्रतिशत के प्लॉट सभी को दिए जाएं, पुश्तैनी गैर पुश्तैनी का भेद खत्म किया जाए, किसानों के 5 प्रतिशत की प्लॉट पर कमर्शियल गतिविधि को अनुमति समेत अन्य मांगें शामिल हैं।

--आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

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