नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। मॉर्गन स्टेनली को उम्मीद है कि 2024 में जीडीपी और ईपीएस वृद्धि फिर से जापान और भारत में उम्मीदों से बेहतर रहेगी और चीन तथा उभरते बाजारों (ईएम) में कमजोर रहेगी। मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट में कहा गया, ''हमने अपने एमएससीआई ईएम लक्ष्य को फिर से घटाकर 1,000 (4 प्रतिशत अधिक) कर दिया है, 2023-25 के लिए हमारे पहले के आम सहमति आय पूर्वानुमानों को 5 प्रतिशत कम कर दिया गया है।
प्रमुख विपरीत परिस्थितियों में धीमी वैश्विक विकास पृष्ठभूमि, उच्च ब्याज व्यय का बोझ और यूएसडी-मूल्य सूचकांक के मुकाबले प्रमुख ईएम विनिमय दरों में और कमजोरी शामिल है।''
मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य विपरीत परिस्थितियों में धीमी वैश्विक ग्रोथ बैकड्रॉप, उच्च ब्याज व्यय का बोझ और यूएसडी-मूल्य इंडेक्स के मुकाबले प्रमुख ईएम विनिमय दरों में और कमजोरी शामिल है। चीन के ऋण-अपस्फीति की चुनौतियों से जूझते रहने की संभावना है।
हमारे अर्थशास्त्री जीडीपी वृद्धि (2024 में 4.2 प्रतिशत वास्तविक जीडीपी और 4.8 प्रतिशत नाममात्र जीडीपी वृद्धि) पर आम सहमति से नीचे है, जबकि हमारी एफएक्स टीम को उम्मीद है कि सीएनवाई/यूएसडी 1एच24 में 7.5 तक कमजोर हो जाएगा।
यह हमें लगातार चौथे वर्ष ईपीएस वृद्धि पर आम सहमति से काफी नीचे रखता है और हम 2024 में एमएससीआई चीन के लिए 5 प्रतिशत और सीएसआई 300 के लिए 7 प्रतिशत के कम रिटर्न की उम्मीद करते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, इसके बिल्कुल विपरीत, ''हमारी टीम ने 2024 में भारतीय नाममात्र जीडीपी वृद्धि 11.6 प्रतिशत और 2025 में 11.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जिसमें युवा जनसांख्यिकीय और भू-राजनीतिक संरेखण से प्रवाह बढ़ेगा और इक्विटी की लागत कम होगी।''
जापान तीन दशकों के आर्थिक ठहराव से स्पष्ट रूप से उभरा है (हालांकि, यह 2013 में अपस्फीति से बाहर निकल गया, ग्रोथ में कमी थी), जबकि कॉर्पोरेट सुधार में तेजी देखी जा रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने 2022 में देखे गए मजबूत बाजार बेहतर प्रदर्शन को बरकरार रखते हुए मजबूत सापेक्ष आय प्रदान की है, जबकि मैक्रो-फंडामेंटल ने अमेरिकी वित्तीय स्थितियों में तेज सख्ती का सामना किया है।
--आईएएनएस
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