दिल्ली, 26 जुलाई (आईएएनएस)। सरकार की ओर से बजट में पर्सनल इनकम टैक्स घटाया गया है और साथ ही स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाया गया है। इससे जानकार मान रहे हैं कि आम आदमी के हाथ में पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे बचेंगे और अर्थव्यवस्था में पहले के मुकाबले ज्यादा पैसा जाएगा। इसका सीधा असर फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) सेक्टर पर देखने को मिलेगा।
मार्केट रिसर्च कंपनी कैंटर वर्ल्डपैनल की ओर से कहा गया कि चालू वित्त वर्ष में ग्रामीण मार्केट में एफएमजीसी सेक्टर की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रह सकती है, जो कि एक वर्ष पहले 4.4 प्रतिशत थी। वहीं, शहरी एफएमसीजी मार्केट की वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत पर सपाट रह सकती है।
रिसर्च कंपनी की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्रामीण बाजार की वॉल्यूम शहरी बाजार के बराबर पहुंच सकती है, जो कि फिलहाल ज्यादा है।
आगे कहा गया कि ग्रामीण एफएमसीजी मार्केट अब पहले के मुकाबले इंडस्ट्री के लिए अधिक मूल्यवान हो गया है और करीब आधी वॉल्यूम और वैल्यू जनरेट कर रहा है। साथ ही कहा कि ग्रामीण भारत में एफएमसीजी मार्केट में वृद्धि का नेतृत्व खपत नहीं, बल्कि जनसंख्या करती है।
मार्केट रिसर्च एजेंसी ने बताया कि एफएमसीजी सेक्टर में लोग प्रीमियम प्रोडक्ट्स का रुख कर रहे हैं। इसमें फूड स्प्रेड और ड्रेसिंग, फेस स्क्रब/पील/मास्क, बॉडी वॉश, हेयर कंडीशनिंग सीरम, मूसली और कोरियाई नूडल्स जैसे उत्पाद शामिल हैं।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि लोग ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स को भी तेजी से अपना रहे हैं।
बीते मंगलवार को पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई टैक्स रिजीम के तहत 10 लाख रुपये तक की आय पर पर्सनल इनकम टैक्स को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। वहीं, स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 75,000 रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया है।
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