नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार "बीआरआईसी-नैशनल एग्री-फूड बायो मैन्युफैक्चरिंग इंस्टीट्यूट" (ब्रिक-नाबी) की शुरुआत पंजाब के मोहाली में करने जा रही है। इसका उद्देश्य कृषि बायोटेक्नोलॉजी और बायोप्रोसेसिंग में भारत की क्षमता को बढ़ाना है।नए संस्थान का उद्घाटन 28 अक्टूबर को होगा और यह मुख्य रूप से उच्च उत्पादन देने वाली फसलें विकसित करने पर फोकस होगा। साथ ही, यह टिकाऊ बायो मैन्युफैक्चरिंग तकनीकों और कृषि संसाधनों से मूल्य वर्धित उत्पाद बनाने पर काम करेगा।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा, "इसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर उत्पादन सुविधाओं के साथ-साथ नए स्टार्टअप को बढ़ावा देकर भारत को टिकाऊ कृषि-खाद्य समाधानों में अग्रणी बनाना है। यह संस्थान 'विकसित भारत' के विजन को सपोर्ट करेगा, जिसमें आत्मनिर्भरता, रोजगार सृजन और कृषि-खाद्य क्षेत्र में टिकाऊ आर्थिक विकास को बढ़ावा देना शामिल है।"
यह संस्थान किसानों की आय को दोगुना करने और "मेक इन इंडिया" जैसे सरकारी अभियानों के लक्ष्यों पर काम करेगा। इसमें जेनेटिक बदलाव, मेटाबॉलिक पाथवे और बायो मैन्युफैक्चरिंग पर शोध शामिल होगा, जिससे भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए व्यावहारिक समाधान विकसित किए जा सकें।
इसके तहत बायोफर्टिलाइजर, बायोपेस्टिसाइड, और प्रोसेस्ड फूड सामग्री जैसी चीज़ों का विकास किया जाएगा, जो टिकाऊ खेती, फसल उत्पादन बढ़ाने, और किसानों के लिए नए राजस्व के साधन बनाने में सहायक होंगी।
इसके अलावा, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, व्यापारीकरण और आउटरीच को बढ़ावा देने के लिए, यह संस्थान अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और उद्योगों के साथ साझेदारी करेगा।
सोमवार को "बायोनेस्ट ब्रिक-नाबी इनक्यूबेशन सेंटर" का भी उद्घाटन होगा, जो अनुसंधान और उद्योग के बीच की खाई को पाटने में अहम भूमिका निभाएगा। इसका उद्देश्य कृषि और बायोप्रोसेसिंग क्षेत्रों में उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देना है।
यह सेंटर स्थानीय युवाओं, महिलाओं और किसानों को सपोर्ट करेगा और उन्हें शोध, विकास, सलाह और मार्केटिंग तक पहुंचने में मदद करेगा, जिससे वे अपने नवाचारों को बड़े पैमाने पर ले जा सकें।
--आईएएनएस