नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। आयातित खाद्य तेलों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट को देखते हुए केंद्र ने प्रमुख खाद्य तेल संघों को तत्काल प्रभाव से खाद्य तेलों के एमआरपी में 15 रुपये की कमी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने भी सलाह दी है कि विनिर्माताओं और रिफाइनर द्वारा वितरकों को कीमत तुरंत कम करने की जरूरत है ताकि कीमतों में गिरावट किसी भी तरह से कम न हो।
बुधवार को एक बैठक के दौरान इस बात पर भी जोर दिया गया कि जब भी विनिर्माता/रिफाइनर द्वारा वितरकों को कीमत में कमी की जाती है, तो उद्योग द्वारा उपभोक्ताओं को लाभ दिया जाना चाहिए और विभाग को नियमित आधार पर सूचित किया जाना चाहिए।
एक अधिकारी ने कहा, कुछ कंपनियों ने अपनी कीमतें कम नहीं की हैं और उनकी एमआरपी अन्य ब्रांडों की तुलना में अधिक है, उन्हें भी अपनी कीमतें कम करने की सलाह दी गई है।
बैठक के दौरान, यह देखा गया कि आयातित खाद्य तेलों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट का रुझान है, जो कि खाद्य तेल परि²श्य में एक बहुत ही सकारात्मक तस्वीर है और इसलिए, घरेलू खाद्य तेल उद्योग को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि घरेलू खाद्य तेलों में कीमतें बाजार भी उसी के अनुरूप गिरे और इसका लाभ उपभोक्ताओं तक तेजी से पहुंचे।
इस बैठक में मूल्य डेटा संग्रह, खाद्य तेलों पर नियंत्रण आदेश और खाद्य तेलों की पैकेजिंग जैसे अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
मई 2022 में विभाग ने प्रमुख खाद्य तेल संघों के साथ एक बैठक बुलाई थी और सूत्रों के अनुसार, रिफाइंड सूरजमुखी तेल 1 लीटर पैक का एमआरपी 220 रुपये से घटाकर 210 रुपये और सोयाबीन और कच्ची घानी तेल 1 लीटर पैक से घटकर 205 रुपये से 195 रुपये हो गया।
तेल की कीमतों में कमी केंद्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम करने के कारण उन्हें सस्ता करने के मद्देनजर आई है। उद्योग को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई थी कि कम शुल्क का पूरा लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाए।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में नाटकीय गिरावट देखी जा रही है, हालांकि, कीमतों में गिरावट धीरे-धीरे होने के कारण घरेलू बाजार में स्थिति थोड़ी अलग है।
--आईएएनएस
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