गुरुग्राम, 21 जुलाई (आईएएनएस)। रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा), गुरुग्राम ने अंसल, रहेजा, वाटिका, ऑरिस इंफ्रास्ट्रक्च र प्राइवेट लिमिटेड, इंटरनेशनल लैंड डेवलपर्स (आईएलडी) प्राइवेट लिमिटेड, अनंत राज और सीएचडी और अन्य डेवलपर्स को निर्धारित समय अवधि में फ्लैटों का कब्जा देने में विफल रहने पर 63 घर खरीदारों को 50 करोड़ रुपये वापस करने के आदेश दिए हैं।रिफंड 90 दिनों में बिना असफलता के 9.70 प्रतिशत की दर से ब्याज के साथ किया जाना है।
आदेश में कहा गया है कि धनवापसी का भुगतान आवंटियों को मुआवजे और कानूनी कार्यवाही में शामिल खचरें की मांग करने का अधिकार रखते हुए किया जाना चाहिए।
प्राधिकरण के आदेश असंतुष्ट शहर-आधारित घर खरीदारों की कई शिकायतों के मद्देनजर आए हैं, जिन्होंने अपनी इकाइयों को बिल्डरों को भुगतान की गई राशि की वापसी के लिए रेरा से संपर्क करने की उम्मीद खो दी थी।
रेरा के अध्यक्ष के के खंडेलवाल ने कहा, प्राधिकरण ने बिल्डरों और आवंटी दोनों पक्षों को सुनने के बाद और बिल्डर खरीदार समझौतों के अनुसार इकाइयों की गैर-डिलीवरी के लिए बिल्डरों को दोषी पाए जाने पर होमबॉयर्स को जमा राशि वापस करने का आदेश दिया है। बिल्डरों को होमबॉयर्स को हल्के में नहीं लेना चाहिए। रेरा उनके अधिकारों की रक्षा के लिए है।
खंडेलवाल ने कहा, बिल्डर्स परियोजनाओं को पूरा करने और वादा की गई इकाइयों को निर्धारित समय के भीतर होमबॉयर्स को देने में विफल रहे, यहां तक कि अच्छी प्रारंभिक राशि एकत्र करने के बाद भी।
उन्होंने बताया कि, जुलाई में ही, लगभग 300 मामलों को अधिनिर्णय के लिए प्राधिकरण के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था।
63 मामलों में, प्राधिकरण ने 9.70 प्रतिशत की दर से ब्याज के साथ वापसी की अनुमति देने वाले मामले का फैसला सुनाया।
ये निर्णय 17 बिल्डरों से संबंधित हैं और राशि 50 करोड़ रुपये के करीब है - अकेले रहेजा डेवलपर्स को 11 होमबॉयर्स को करीब 12 करोड़ रुपये वापस करने होंगे, जिनमें से एक रिफंड 2.35 करोड़ रुपये है।
--आईएएनएस
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