नई दिल्ली, 12 अगस्त (आईएएनएस)। भारत स्टार्ट-अप इकोसिस्टम और यूनिकॉर्न की संख्या के मामले में विश्व में तीसरे स्थान पर है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में 105 यूनिकॉर्न हैं, जिनमें से 44 यूनिकॉर्न 2021 में और 19 यूनिकॉर्न 2022 में स्थापित हुए हैं। यह बात केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित डीएसटी स्टार्टअप उत्सव के अवसर पर मुख्य भाषण देते हुए कही।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष फोकस विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार पर है, जिसमें देश के युवाओं में नए विचारों के साथ समस्याओं को हल करने और नवाचार करने की कल्पना को जागृत किया है।
सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान अनुसंधान और विकास पर सकल व्यय (जीईआरडी) में तीन गुना से अधिक वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि बदलती वैश्विक शक्तियों और प्रौद्योगिकी के कारण अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव और नियम बनाने का केंद्र बनने के साथ प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक मानकों की कसौटी पर खरा उतर रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत के स्टार्टअप केवल महानगरों या बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि 49 प्रतिशत स्टार्ट-अप टियर-2 और टियर-3 शहरों से हैं।
मंत्री ने कहा कि हमारे पास आईटी, कृषि, विमानन, शिक्षा, ऊर्जा, स्वास्थ्य और अंतरिक्ष क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में स्टार्टअप उभर रहे हैं।
उन्होंने कहा, भारत विश्व में प्रौद्योगिकी लेनदेन के लिए सबसे आकर्षक निवेश गंतव्यों के मामले में तीसरे स्थान पर है क्योंकि भारत का विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर एक मजबूत फोकस है। भारत वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष देशों में से एक है और यह अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र के शीर्ष पांच देशों में शामिल है। यह क्वांटम प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बौद्धिकता जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ भी सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है।
डॉ. सिंह ने कहा, भारत ने वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) की वैश्विक रैंकिंग में लंबी छलांग लगाई है। यह वर्ष 2015 में 81वें स्थान पर था, जो 2021 में 46वें स्थान पर आ गया। उसने यह उपलब्धि दुनिया की 130 अर्थव्यवस्थाओं में हासिल की है।
उन्होंने कहा, भारत 34 निम्न मध्यम-आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में दूसरे स्थान पर है और जीआईआई के मामले में 10 मध्य और दक्षिणी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में पहले स्थान पर है। जीआईआई रैंकिंग में लगातार सुधार विशाल ज्ञान पूंजी, जीवंत स्टार्ट-अप इकोसिस्टम और सार्वजनिक और निजी अनुसंधान संगठनों द्वारा किए गए कुछ उत्कृष्ट कार्यों के परिणाम स्वरूप हुआ है।
--आईएएनएस
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